नागपुर: विधान परिषद सदस्य प्रकाश गजभिये ने शीतकालीन अधिवेशन के दौरान नागपुर में बड़े पैमाने पर बोरवेल व कुएं के पानी को कैन में भरकर मिनरल वाटर के नाम पर बेचे जाने का मुद्दा उठाया था. उन्होंने कहा कि नागपुर में शादी समारोहों व व्यापारिक प्रतिष्ठानों में बड़े पैमाने पर मिनरल वाटर के कैन का उपयोग किया जा रहा है. लेकिन ये कंपनियां मिनरल वाटर के नाम पर बोरवेल या कुएं का पानी भरकर बेच रही हैं. इससे नागरिकों के स्वास्थ्य पर खतरा मंडराने लगा है. उन्होंने सवाल किया कि सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ क्या कार्रवाई कर रही है और नागपुर में कितनी सप्लायर कंपनियां हैं.
राज्य के अन्न व नागरी मंत्री गिरीश बापट ने जानकारी दी कि नागपुर जिले में बंद बाटल में पानी सप्लाई करने वाले 82 सप्लायर हैं. जो कंपनी दूषित पानी आपूर्ति करती हैं ऐसे लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं. उन्होंने बताया कि समय-समय पर विभाग की ओर से कार्रवाई की गई है. दंड वसूली की गई है. 80 मामले दर्ज किए गए हैं.
उन्होंने आगे कहा कि कोई भी सप्लायर बीआईएस के नियमों के तहत ही शुद्ध पानी बेच सकता है. उन्होंने बताया कि जनवरी महीने से केन्द्र सरकार शुद्ध पानी के संदर्भ में नई नीति घोषित करने वाली है. उसके तहत ही राज्य के सभी नागरिकों को शुद्ध पानी आपूर्ति की जा सकेगी. नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.