नागपुर: माइक्रोसॉफ्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सत्या नाडेला ने आज मुंबई में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस से मिलकर राज्य में डिजीटल रुपांतरण की इच्छा जताई है। मुंबई में आयोजित एक अन्य कार्यक्रम में सत्या नाडेला और मुख्यमंत्री फड़णवीस की अनौपचारिक भेंट हुई थी।
यह कार्यक्रम अर्ध-कुशलता रखने वाले मजदूरों को तकनीकी ज्ञान से संवर्धित करने के लिए आयोजित हुआ, सत्या नाडेला ने इस कार्यक्रम का उदघाटन किया था। मुख्यमंत्री भी इसी कार्यक्रम में उपस्थित थे, जहाँ दोनों की अनौपचारिक भेंट हुई। मुख्यमंत्री फड़णवीस से हुई अपनी भेंट पर संतोष व्यक्त करते हुए सत्या नाडेला ने इच्छा जाहिर करते हुए कहा कि महाराष्ट्र के डिजीटल रुपांतरण प्रक्रिया को गतिमान करने में सहभागी होना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र सरकार ने माइक्रोसॉफ्ट के साथ मिलकर मेलघाट में कुपोषण के केंद्र हरिसाल में सफलता की नई कहानी लिख दी है। संसाधनों के अधिकतम उपयोग के लिए माइक्रोसॉफ्ट शीघ्र ही #क्लाउडकंप्यूटिंग प्रणाली अपनाने जा रहा है। बिग डाटा एनालिटिक्स यानी कंप्यूटर पर उपलब्ध डाटा के वृहद स्वरुप का एक ही वक़्त पर आकलन कर लेने की क्षमता आ जाने से महाराष्ट्र सरकार कार्यक्षम, लक्ष्य-केंद्रित और नीति निर्णायक की भूमिका अधिक सक्रियता से निभा सकेगी। महाराष्ट्र सरकार ने राज्य भर की भूमि को डिजीटल स्वरुप में रुपांतरित करने के लिए तकनीक आत्मसात कर ली है।”
आयोजित कार्यक्रम में नाडेला ने आम नागरिक को सशक्त बनाने में डिजीटल तकनीक की महती भूमिका विशद की। उन्होंने कार्यक्रम के जरिए अर्ध-कुशलता श्रेणी के कर्मचारियों की जरुरत के मुताबिक अबाधित तकनीकी सहायता प्रक्रिया लोकार्पित की। नाडेला ने अपने वीडियो संवाद प्रणाली ‘स्काइप’ के छोटे स्वरुप का भी इस कार्यक्रम के जरिए अनावरण करते हुए कहा कि भारत में आरंभिक स्तर पर व्यापार और कारोबार करने वाले लोगों के अनुरुप तकनीकी विकास की अपार गुंजाइश है।
उन्होंने कहा कि हम किसी भी तकनीक के लिए तब तक खुश नहीं हो सकते जब तक प्रत्येक भारतीय को इस तकनीक के सहारे वह सब कुछ हासिल करते नहीं देख लेते कि जो वह हासिल करना चाहता है। सत्या नाडेला ने ‘संगम’ नामक प्लेटफॉर्म से भी परिचित कराया कि जिसके जरिए अर्ध-कौशल रखने वाले कर्मचारी भी रोजगार की संभावनाएं तलाश सकें। उन्होंने कहा कि मध्यम स्तर के कौशल रखने वाले लोगों तक अब पहुँच बनाने और उन्हें प्रशिक्षण तथा रोजगार के बेहतर मौके उपलब्ध कराने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। इससे मेजबानी उद्योग को काफी लाभ होगा।