नागपुर: मेट्रो रूट के अगल-बगल ज़मीन के भीतर होने वाले कंपन से वर्त्तमान में मौजूद निर्माण को सुरक्षित ऱखने के लिए एनएमआरसीएल चिन्हित स्थानों पर मास स्प्रिंग सिस्टम स्थापित कर रही है। यह सिस्टम मेट्रो के चलते समय होने वाले कंपन को नियंत्रित करेगा। इसके अलावा ऐसे मार्ग पर जहाँ पुरानी इमारतें बड़ी संस्ख्या में है वहाँ ट्रेक पर अधिक क्षमता वाले वायब्रेशन स्प्रिंग को लगाया जा रहा है। नागपुर मेट्रो परियोजना के प्रोजेक्ट निदेशक महेश कुमार अग्रवाल ने बताया की शहर में मौजूदा स्वरुप में जो ईमारतें है और मेट्रो रूट के पास स्थित है उनका निर्माणकार्य अधिक पुराना नहीं है। जिस वजह से वह कंपन को सह सकतीं है। सिर्फ सीए रोड में ऐसी ईमारतों को चिन्हित किया गया है जिनकों लेकर दिक्कत हो सकती है इसलिए ऐसी जगहों का ऐतियात बरता जा रहा है।
कंपन और आवाज़ को लेकर आवाज़ नियंत्रण क्षेत्र में काम करते वाली एक प्रतिष्ठित विदेशी कंपनी के साथ एनएमआरसीएल ने एक सर्वे किया है। इस सर्वे में जहाँ कंपन और आवाज़ की मात्रा अधिक होगी वहाँ इसके नियंत्रण के उपाय किये जायेगे। अस्पताल,स्कुल,मंदिर पर विशेष ध्यान दिया गया है। मेट्रो ट्रैक पर स्टील के रेलिंग लगाई गई है इसी में साउंड बैरियर स्थापित किये जायेगे।
गौरतलब हो की शहर में मेट्रो रूट के आस-पास किसी भी नए निर्माणकार्य के लिए महा मेट्रो की एनओसी लेना अनिवार्य है। सरकार द्वारा इस संबंध में 9 जून 2017 को आदेश भी जारी किया जा चुका है। नागपुर टुडे ने 11 अक्टूबर 2017 को एक विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसमे इस बात की जानकारी दी गई थी। मेट्रो से नए निर्माणकार्य की इजाज़त लेने के संबंध में अग्रवाल ने बताया कि मेट्रो परियोजना वर्षो तक संचालित होगी। इसलिए आवश्यकत होगा कि जो नया निर्माण हो वह मेट्रो के अनुकूल हो मेट्रो प्रशासन निर्माण कार्य किस तरह हो इसके लिए तकनीकी सहायता प्रदान करेगा।