Published On : Tue, Apr 5th, 2022

मेडिकल : आला अधिकारी एसी तो मरीज-परिजन मौसम की मार झेल रहे

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– हर साल 23 मार्च से 1 अप्रैल तक ‘विंटर वार्ड’ बनाया जाता था।

नागपुर: नागपुर में भीषण गर्मी का मौसम की शुरुआत हो चुकी हैं . मार्च के आखिरी हफ्ते में पारा चालीस पर पहुंच गया था. अप्रैल में भी पारा 41 के आसपास है और बढ़ेगा। बावजूद इसके मेडिकल अस्पताल प्रबंधन द्वारा मरीजों के हितार्थ कोई ठोस व्यवस्था करने में आनाकानी कर रही.तो दूसरी तरफ वरिष्ठ अधिकारी एसी से हवा खा रहे हैं और मरीजों सह उनके परिजनों का हाल बेहाल नज़र आ रहा.

याद रहे कि मेडिकल अस्पताल में हर साल 23 मार्च से 1 अप्रैल तक ‘विंटर वार्ड’ बनाया जाता था। लेकिन इस बार इसे अभी तक नहीं बनाया गया है। भीषण गर्मी व तेज धुप के कारण ‘हीट स्ट्रोक’ हो सकता है। यह रोगी के जीवन को भी प्रभावित कर सकता है। ‘हीट स्ट्रोक’ के मरीजों के इलाज के लिए मेडिकल स्कूल में हर साल एक अप्रैल तक ‘कोल्ड वार्ड’ बनाया जाता है। पता चलता है कि अस्पताल अपने मरीजों की देखभाल करने में लापरवाही बरत रहा हैं.
पिछले तीन साल से हर साल वार्ड नंबर 23 में ‘कोल्ड वार्ड’ बनाया जा रहा है। इस साल 3 अप्रैल के उलटफेर के बाद भी ‘विंटर वार्ड’ नहीं बन सका है। नतीजतन, ‘हीट स्ट्रोक’ के रोगियों को इलाज में कठिनाई होने की संभावना अधिक हो गई है। इससे मरीजों को स्वास्थ्य सम्बन्धी नुकसान हो सकती है।

उल्लेखनीय यह है कि चिकित्सा विभाग के प्रमुख वरिष्ठ चिकित्सक के कमरे में एक एयर कंडीशनर है। लेकिन अभी तक वार्ड में कूलर नहीं लगे हैं। ऐसे में कई मरीज बेड पर शर्ट उतार कर लेटे नजर आ रहे हैं. लिपिक के कमरे में कूलर भी दिख रहे हैं,लेकिन कुछ वार्डों में कूलर नहीं लगे हैं।

बाह्य रोगी विभाग में अव्यवस्था
सरकारी अस्पताल, चाहे वह मेडिकल हो या मेयो, को प्रत्येक ‘हीट स्ट्रोक’ के मरीज को OPD में पंजीकृत करना आवश्यक है। लेकिन सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, मेडिकल, मेयो दोनों के OPD में इसका पंजीकरण कौन करेगा? यह प्रश्न है। यह भी पता चला कि भर्ती मरीजों को छोड़कर गर्मी की हिस्ट्री नहीं ली जा रही थी।

‘हीट स्ट्रोक’ के लक्षण
जल्दी थकान, लगातार प्यास,बीमार महसूस करना,सिरदर्द,सूखी जीभ,त्वचा का लाल होना,हार्ट बीट का बढ़ना ,कम रक्त दबाव,चक्कर आना,बेहोशी आदि आदि।