Published On : Thu, Nov 8th, 2018

अब एमबीबीएस के स्टूडेंट को पढ़ाया जाएगा नैतिकता और संचार का पाठ

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नागपुर: मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के नए बोर्ड ऑफ गवर्नर ने एमबीबीएस के नए पाठ्यक्रम को मंजूरी दी गई है. 2019-20 से एमबीबीएस के पाठ्यक्रम में नैतिकता और संचार पर भी एक कोर्स शामिल किया जाएगा, जिसकी स्टडी मेडिकल के अंडरग्रैजुएट छात्रों को करनी होगी. एथिक्स और कम्यूनिकेशन जैसे विषय डॉक्टरों के अंदर दया और सहानुभूति की भावना पैदा करने और सही ढंग से संवाद योग्य बनाने के मकसद से पढ़ाए जाएंगे.

प्रशिक्षण के चरण से ही वह सीख पाएंगे कि मरीजों का इलाज करने के अलावा उनसे कैसे प्रभावी ढंग से बातचीत की जाए. देश में मेडिकल फैकल्टी की काफी कमी है जिसे देखते हुए बोर्ड ने फैकल्टी की योग्यता में कुछ छूट दी है. इस दिशा में पीजीआई, एम्स और अन्य स्टेट मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाने के लिए डीएनबी (डिप्लोमेट ऑफ नैशनल बोर्ड डिग्री होल्डर्स के लिए शर्तों को आसान करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है.

कुछ प्राइवेट हॉस्पिटल का अपना मेडिकल कॉलेज नहीं होता है. अभी वहां के डीएनबी डॉक्टरों को पोस्टग्रैजुएशन नैशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन (एनबीई) से करना होता है.

लेकिन नए प्रस्ताव के मुताबिक, अगर कोई डीएनबी डिग्री होल्डर्स अगर 100 बिस्तरों वाले और सुपर स्पेशलिटी प्राइवेट हॉस्पटिल में काम कर रहा है तो वह एमसीआईसे मान्यता प्राप्त किसी संस्थान में सीनियर रेजिडेंशी के तौर पर एक साल और पूरा करने के बाद फैकल्टी के तौर पर पढ़ा सकेंगे. बोर्ड के चेयरमैन डॉ.विनोद पॉल के अनुसार इस बारे में जल्द ही एक नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा.