Published On : Wed, Apr 10th, 2019

दंतेवाड़ा में नक्सली हमला गोंदिया में हाईअलर्ट

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गोंदिया: 11 अप्रैल को पहले चरण के लोकसभा चुनाव पूर्व छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में बीजेपी विधायक के काफिले पर नक्सलियों ने आयईडी अटैक कर दिया। इस हमले में विधायक, उसके ड्रायवर और तीन निजी सुरक्षा कर्मियों सहित कुल 5 की मृत्यु हो गई।
इस नक्सली हमले की सूचना के बाद गोंदिया जिला पुलिस प्रशासन की नींद उड़ी हुई है, लिहाजा नक्सल प्रभावित गोंदिया जिले में हाईअलर्ट घोषित करते हुए जिले में सक्रिय देवरी दलम, तांडा दलम, कोरची दलम, जोब दलम, प्लाटून दलम, दर्रेकसा दलम जैसे नक्सली संगठनों की संदिग्ध गतीविधियों पर ऩजर रखने हेतु पुलिस विभाग ने व्यापक प्रबंध शुरू कर दिए है तथा सेंट्रल रिजर्व्ह पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) की कई टुकड़ियों की अतिरिक्त तैनाती जिले के विभिन्न संवेदनशील तथा अतिसंवेदनशील इलाकों में की गई है।

गोंदिया-भंडारा लोकसभा सीट पर 11 अप्रैल को मतदान होना है। प्रचार थमने के बाद अब उम्मीदवार और उनके कार्यकर्ता घर-घर जाकर मतदाताओं से प्रत्यक्ष भेंट कर चुनाव प्रचार में जुटे है। कोई अप्रिय घटना या बड़ा हादसा घटित ना हो, इसकी जिम्मेदारी भी सुरक्षा टुकड़ीयों के कंधों पर दी गई है।
नक्सलग्रस्त गोंदिया जिले के पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले व छत्तीसगढ़ प्रदेश के राजनांदगांव जिले तथा आंध्रप्रदेश से सटे गड़चिरोली जिले से लगे सीमावर्ती पुलिस आऊट पोस्ट (एओपी) चौकियों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। जिले के अतिसंवेदनशील व संवेदनशील मतदान केंद्रों को चिन्हित कर लिया गया है तथा यहां मतदान समाप्ती पश्‍चात मत मशीनों को सील करना तथा दुर्गम इलाकों के पोलिंग बूथ से चुनाव साहित्य को सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचाने की प्रक्रिया में कई बार अंधेरा हो जाता है। इसी अंधेरे का लाभ उठाकर नक्सली किसी चुनावी प्रक्रिया में बाधक न बने तद्हेतु जिला पुलिस प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में जगह-जगह नाकेबंदी और सर्च ऑपरेशन का दौर शुरू किया है। साथ ही सीआरपीएफ के जवान भी मुस्तैद है।

सीमावर्ती इलाकों के बार्डर पर रात के वक्त हर हलचल पर नजर रखने के लिए ले़जर लाइटों के विशेष इंतजाम किए गए है क्योंकि छत्तीसगढ़ के जंगलों से होकर खूंखार हथियार लैस नक्सली महाराष्ट्र की सीमाओं में प्रवेश कर जाते है तथा जिले के दर्रेकसा व सालेकसा के रेस्ट जोन समझे जाने वाले जंगली इलाकों को अपना ठिकाना बना लेते है। इसी के मुद्देनजर कुछ क्षेत्रों में कोम्बिंग ऑपरेशन भी चलाया जा रहा है और मुंबई-हावड़ा मार्ग पर दर्रेकसा गुफा के निकट रेल्वे ट्रेक पर विशेष रूप से निगरानी भी बढ़ा दी गई है।

चुनाव में नक्सली किसी प्रकार की गड़बड़ी पैदा न करे इसके लिए महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश तथा छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की आपात बैठक लिए जाने की जानकारी भी मिल रही है।

गौरतलब है कि, जिले में सक्रिय 6 नक्सली संगठनों की नोटबंदी के बाद आर्थिक तौर पर कमर टूट चुकी है। वे अपनी खोयी हुई साख को बचाने के लिए किसी हिंसक वारदात को अंजाम देकर अपनी ताकत दिखाने पर आतूर है, यह विशेष उल्लेखनीय है।

– By Ravi Arya