एफआईआर दर्ज कराने का सीईओ का आदेश
वाशिम। महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में लाखों रुपयों के भ्रष्टाचार की आशंका व्यक्त की जा रही है. योजना के तहत कराए गए लाखों रुपयों के काम के बिल चेक द्वारा देने के बजाय नगद भुगतान किया गया. जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रुचेश जयवंशी ने 9 ग्राम पंचायतों के ग्रामसेवकों के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया है. इंगले ने यह आदेश गट विकास अधिकारियों (बीडीओ) को दिया है.
बीडीओ को कारण बताओ नोटिस
आॅडिट रिपोर्ट में इस संबंध में आपत्ति उठाई गई थी. उसी समय मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बैठक लेकर ग्रामसेवकों के खिलाफ कार्रवाई का लिखित आदेश दिया था. दो दिन पहले ही इस संबंध में गट विकास अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस दिया गया है. दो दिन पहले हुई बैठक में जयवंशी ने बीडीओ को खरी-खोटी सुनाई. वाशिम जिले की जिन 9 ग्राम पंचायतों में घोटाले की आशंका जताई गई है उनमें वाशिम तालुका के उकलीपेन, रिसोड तालुका के कुर्हा, मंगरुलपीर तालुका के हिंरंगी, गोगरी, सिंगडोह, आमगव्हाण, मालशेलु, दामड़ी और खड़ी ग्राम पंचायतों का समावेश है.
अधूरे पड़े काम पूर्ण करें
जयवंशी ने यह भी आदेश दिया है जिन ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत 5 अथवा उससे अधिक काम अपूर्ण पड़े हैं, उन्हें नए काम की प्रशासकीय मंजूरी न दी जाए. साथ ही अधूरे पड़े कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने का आदेश भी दिया गया है.
शौचालय-निर्माण, अनुदान वितरण में शिथिलता
संग्राम सॉफ्टवेयर के आॅनलाइन एंट्री और निर्मल भारत अभियान के तहत शौचालय के निर्माण कार्य व अनुदान वितरण में भी शिथिलता बरती जा रही है. मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने इन कार्यों को भी प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण करने का आदेश दिया है. इस मौके पर बिना किसी विलंब के जिले में 4000 शौचालयों के निर्माण और प्रोत्साहन अनुदान का वितरण करने का निर्देश दिया गया. इन कार्यों में प्रगति नहीं दिखाई देने पर संबंधित सरकारी कर्मचारियों का वेतन रोक लिया जाएगा.