प्रशासन न दवाई दे रहा है, न जानकारी मांग रहा हैं
नागपुर– कोरोना संक्रमण को एक वर्ष से ज्यादा का समय हो चुका है. पिछले वर्ष जब कोरोना संक्रमण भारत मे आया था, तो संक्रमण को रोकने के लिए काफी खबरदारी ली गई थी, लेकिन इस वर्ष दूसरी लहर और बडी तादाद में मौतों के बावजूद भी प्रशासन लापरवाही दिखा रहा है. नागपुर महानगरपालिका की लापरवाही हर दिन सामने आती है, जिसमें अन्य कामों में तो लापरवाही दिखती ही है, लेकिन कोरोना जैसे संक्रमण में भी मनपा प्रशासन अपनी बड़ी लापरवाही दिखा रहा है.
खुलेआम घूम रहे है कोरोना पॉजिटिव मरीज
‘ नागपुर टुडे ‘ के संज्ञान में आया है कि कई कोरोना पॉजिटिव मरीज खुलेआम घूम रहे है. यह मरीज अपने साथ -साथ दूसरों को भी संक्रमित कर रहे है. प्रभाग- 12 सुरेन्द्रगढ़ में इन कोरोना पॉजिटिव मरीज़ो को टेस्टिंग करने के बाद किसी भी तरह की दवाईयां मनपा की ओर से नही दी गई है और नाही इनके घर के बाकी सदस्यों को क्वारनटाईन का स्टैम्प लगाया गया है. जिसके कारण घर के सदस्य भी सुपर स्प्रेडर बन कर घूम रहे है.
एक ही घर के 9 लोग पॉजिटिव होने पर भी कोई कार्रवाई नही
इस प्रभाग में एक ही घर में 13 में से 9 लोग कोरोना पॉजिटिव थे. लेकिन मनपा की ओर से किसी भी तरह से कोई भी राहत इन्हें नही दी गईं. सावधानी के चलते और समझदारी के तहत यह लोग लगभग 20 दिनों तक घर से बाहर नही निकले. इस बीच मे मनपा की ओर से किसी भी तरह की दवाईयां नही देने की वजह से इन्होंने निजी क्लिनिक से अपना इलाज करवाया. जिससे अभी परिवार पूरी तरह सुरक्षित है. इस परिवार ने ‘ नागपुर टुडे ‘ को जानकारी देते हुए बताया कि मनपा स्वास्थ विभाग की ओर से किसी भी तरह कि दवाई नही दी गईं, यहां तक कि फोन करके कोई खोजखबर भी नही ली गईं. पिछले वर्ष मरीज़ो को घर पर दवाईयां लाकर दी जाती थी.
कहा गया टेस्टिंग ,
ट्रेसिंग और क्वारनटाईन का फॉर्मूला
पिछले वर्ष इस वर्ष की तुलना में कम मरीज थे और कोरोना से होनेवाली मौतों का आंकड़ा भी कम था, बावजूद इसके एरिया सील किया जाता था, मरीजों को मनपा कर्मी घरों तक दवाईयां लाकर देते थे. लेकिन इस बार मरीज ज्यादा होने के बावजूद ,ऐसा कुछ मनपा की ओर से दिखाई नही दे रहा है. शहर में हो रही मौतों के लिए कही न कही प्रशासन भी जिम्मेदार है. शहर के 10 मनपा झोन में कोई भी सीनियर अधिकारी अपने स्तर पर अपने एरिया में खबरदारी नहीं ले रहा है. देखने मे आया है कि छोटे स्तर पर भी कई प्रभागों में ज्यादा मरीज मिलने के बाद किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं कि जा रही है. इन हालातों को देखकर यह कहना गलत नही होगा कि शहर के नागरिकों को यहां के प्रशासन ने भगवान
भरोसे छोड़ दिया है.










