Published On : Wed, Feb 12th, 2020

मनपा आयुक्तालय का कोई अस्थापना नहीं !

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– अन्य विभागों के कर्मियों के सहारे मनपा संचलन कर रहे आयुक्त वर्ग

 

नागपुर : मनपा के आयुक्त के रोजमर्रा के कामकाज निपटाने-संभालने के लिए पिछले डेढ़-२ दशक से कोई कर्मी नहीं।वर्षों पूर्व आयुक्त का सहायक हुआ करता था,उनके सेवानिवृत्त के बाद इस पद पर नहीं भर्ती नहीं हुई.तब से सामान्य प्रशासन विभाग के भरोसे पिछले कुछ आयुक्तों का कार्यकाल चल रहा.

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नए आयुक्त मुंढे के मांग के अनुसार सामान्य प्रशासन विभाग ने आयुक्त का ‘ओएसडी’ पद के लिए विज्ञापन जारी किया।इसकी शर्त यह हैं कि १० वर्ष का प्रशासकीय अनुभव के साथ ६५ वर्ष के भीतर का होना चाहिए।वैसे इस पद के लिए साक्षात्कार जोशी.जैन व धामेचा लेंगे लेकिन अंतिम निर्णय आयुक्त ही लेंगे।अर्थात आयुक्त की नज़र में कोई होंगा,जिसके लिए यह पद निर्माण किया गया.वे मनपा में तैनात होने से पहले जिप में ‘सीईओ’ की जिम्मेदारी बेख़ौफ़ संभल चुके हैं.संभवतः वहीं के किसी खास सहयोगी के लिए अवसर निर्माण किया गया होंगा।

हिवसे की दबंगई ‘सर चढ़ कर बोल रही’
विवादस्पद पूर्व आयुक्तों के वाहन चालक प्रमोद हिवसे का पूर्व आयुक्त अभिजीत बांगर ने गैरकानूनी रूप से उसका कैडर बदल कर उसे आयुक्त कार्यालय में ही ‘एलडीसी’ के रूप में तैनात करवा कर चलते बने.फ़िलहाल बांगर मनपा आयुक्त को आवंटित बंगले में ही रह रहे क्यूंकि उन्हें आजतक कहीं अन्य जगह ‘पोस्टिंग’ नहीं मिली।

मनपा आयुक्त कार्यालय में हिवसे ही सामान्य प्रशासन विभाग का हैं,शेष कर्मी अन्य विभाग के हैं और काम आयुक्त का कर रहे,इससे ओतप्रोत हिवसे ने आयुक्त कार्यालय में कार्यरत सभी कर्मियों को साफ़-साफ़ हिदायत दे रखी हैं कि जब आयुक्त साहब अपने कक्ष से अपने सहायक को बुलाए तो राव या वे खुद आयुक्त कक्ष में जायेंगे,शेष कर्मी आयुक्त के कक्ष में जाने की जुर्रत न करें।

हिवसे असीम गुप्ता के ज़माने में आयुक्त कार्यालय से बतौर आयुक्त का वाहन चालक के रूप में जुड़ा,जब उन्होंने अपने २ सहयोगियों का तबादला अन्य विभाग में कर दिया। तब से लेकर बांगर तक( सिर्फ वीरेंद्र सिंह को छोड़ कर ) जितने भी आयुक्त मनपा में आये गए ,उनके प्रत्येक जायज-नाजायज निर्देशों का पालन करता रहा.अर्थात इतना खास हो गया था कि पैसे लेन से लेकर शराब सह सामग्री लाने/मंगवाने के लिए इन्हें ही भेजा जाता था.इस आड़ में हिवसे अपनी रोटी भी सेक लिया करता रहा.इससे इसी दौरान पिछले ४ आयुक्त के वह वाहन चालक की जगह आयुक्तालय में क्लर्क बनने के लिए सिफारिश भी करता रहा.इस प्रयास को बांगर ने जाते-जाते पूरा कर चलता बने,बांगर से इस मसले पर अमूमन सभी अधिकारी वर्ग नाखुश थे.नए आयुक्त ने भी इसी हिवसे को तहरिज देनी शुरू की,क्या नए आयुक्त मुंढे भी पूर्व आयुक्तों की तरह हैं ?

भविष्य की योजना
हिवसे मुंढे या अन्य आयुक्त को अपने आगोश में लेकर उनके निवास में सीधी ‘एंट्री’ हो,ऐसा माहौल बना रहा.ताकि आयुक्त के हस्ताक्षर के लिए एडीटीपी,प्रकल्प,लोककर्म आदि विभाग की प्रस्तावों पर ‘कंट्रोल’ किया जा सके.अर्थात सम्बंधित विभाग से सीधा आयुक्त के बंगले पर पहुंचे और हस्ताक्षर होते ही संबंधितों को सीधा हिवसे सन्देश दे और अपने द्वारा’ काला-पीला’ कर अपना उल्लू सीधा कर सके.

मिश्रा को भी बेड़े में लाने की योजना
मिश्रा इन दिनों एक पदाधिकारी का वाहन चालक हैं.इस पदाधिकारी का कार्यकाल समाप्ति के बाद मिश्रा नए पदाधिकारी का वाहन चलाने से मना करने वाला हैं,ऐसे में मिश्रा को आयुक्त का नया वाहन चालक पद पर तैनात कर दिया जाएगा।फिर हिवसे व मिश्रा ‘२०-२०’ खेलेंगे। वर्त्तमान में आयुक्त का वाहन चालक इससे पहले २ पदाधिकारी का वाहन चालक रह चूका हैं,उनके हटाए जाने के बाद नए आयुक्त का वाहन चालक हिवसे के सिफारिश पर नियुक्त किया गया.

परिजन को धरमपेठ ज़ोन में तैनात करवाया
वर्त्तमान में आयुक्त का वाहन चालक ने ३ माह पूर्व अपने परिजन को ‘डाटा एंट्री ऑपरेटर’ पद पर ‘सीएफसी’ के मार्फ़त भर्ती करवाया और उसे धरमपेठ जोन में तैनात किया गया.इस मामले में धरमपेठ जोन के वार्ड अधिकारी की अहम् भूमिका बताई जा रही.जबकि ‘सीएफसी’ के तहत १६० ऑपरेटरों की भर्ती को मंजूरी मिली थी.वर्त्तमान में १६३ कार्यरत हैं,इसमें से २ पूर्व महापौर के करीबी तो १ हिवसे के रिश्तेदार का समावेश हैं.’सीएफसी’ के तहत ‘डाटा एंट्री ऑपरेटर’ का टेंडर अवधि भी समाप्ति की ओर हैं.एक तरफ मनपा प्रशासन ‘एमएससीआइटी’ के प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने वालों को पदोन्नत/वेतन वृद्धि कर रही और काम चपरासी का करवा रही तो दूसरी तरफ मनपा को आर्थिक नुकसान पहुंचाते हुए ‘सीएफसी’ कर्मियों से काम चला रही.

खलासी से निजी सहायक का सफर
हिवसे अनुकंपा पर भर्ती हुआ,उम्र कम थी तो खलासी पद पर नियुक्त किया गया.जब मते स्थाई समिति सभापति थे तब उनके सिफारिश पर एक उपसूचना के तहत हिवसे को वाहन चालक बना दिया गया.यह बात और हैं कि उपसूचना तब मंजूर हुआ या नहीं ,यह भी जाँच का विषय हैं.इसके बाद मनपा अस्थापना में मंजूर वाहन चालकों में हिवसे का समावेश था बावजूद इसका पूर्व आयुक्त बांगर ने गैरकानूनी रूप से कैडर बदल कर सामान्य प्रशासन विभाग का ‘एलडीसी’ कर आयुक्त कार्यालय में ही तैनात करवा दिया।वर्तमान में ‘एलडीसी’ तुकाराम मुंढे का सहायक हैं.