Published On : Fri, Oct 16th, 2020

सीमेंट सड़क फेज-2 में भुगतान घोटाला पर गंभीर नहीं मनपा प्रशासन

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– आरटीआई आवेदक ने इस मामले पर दखल लेने हेतु पीएमओ को सूचित किया,पीएमओ ने सम्बंधित नोडल अधिकारी को आगे की जाँच के लिए निर्देश दिए.


नागपुर – NAGPUR TODAY ने मनपा द्वारा निर्मित की जा रही सीमेंट सड़क फेज -2 के कागजातों में गड़बड़ी को सार्वजनिक किया। जिसका PWD,NMC द्वारा RTI के तहत उपलब्ध करवाए गए कागजातों के आधार पर BOGUS खाते में भुगतान,ठेका लेने के शर्तों का उल्लंघन का पुख्ता सबूत को NMC प्रशासन के सामने रख,JV ठेकेदार दोनों कंपनी को BLACKLIST करने और इस धांधली में शामिल तत्कालीन JE, DEPUTY, EE, SE और CAFO को निलंबित करने की मांग की,इस संदर्भ में 3 पत्र देने के बावजूद SE, CE,CAFO और NMC मौन धारण कर दोषियों को संरक्षण दे रहे। दूसरी ओर DC के करीबियों ने बताया कि SE के दिशा-निर्देश पर BOGUS कागजात तैयार कर PWD को सौंपने की तैयारी शुरू हैं, इसलिए SE द्वारा RTI आवेदक को आश्वासन देकर समय काट रहे। वर्त्तमान SE इस मामले में दोषी हैं,जिसकी रिपोर्ट/आरटीआई आवेदक के सवाल युक्त पत्र का जवाब वर्त्तमान EE तैयार कर रहे.इनका कहना हैं कि वे जवाब बना जरूर रहे लेकिन देंगे SE के माध्यम से। अर्थात इससे साफ़ हैं कि मनपा प्रशासन और सम्बंधित अधिकारी,दोषी अधिकारी मिलजुलकर गुमराहपूर्ण रिपोर्ट तैयार कर रहे.दूसरी ओर मामला वित्त विभाग से सम्बंधित होने के बावजूद स्थाई समिति सभापति पिंटू झलके और CAFO हेमंत ठाकरे अनमने ढंग से पेश आ रहे.इन्हें जनता की पैसे बचत के बजाय मनपा तिजोरी खाली करने में ज्यादा रूचि हैं.

इसकी भनक लगते ही आरटीआई आवेदक ने उक्त मामलात पर दखल लेने हेतु पीएमओ को सूचित किया,पीएमओ ने सम्बंधित नोडल अधिकारी को आगे की जाँच के लिए निर्देश दिए.

याद रहे कि सीमेंट सड़क के फेज-2 में काम हासिल करने के लिए अपात्र DC गुरुबक्षानी ने मुम्बई की अनुभवी कंपनी मेसर्स अश्विनी इंफ़्रा के संग JV किया,जिसमें अनुभवी अश्विनी इंफ़्रा 60% और अनुभवहीन DC गुरुबक्षानी 40% के पार्टनर बने,इस JV को ROC में पंजीयन नहीं करवाए जाने की प्रथम गलती सामने आई। टेंडर शर्त के अनुसार JV करार LEAD PARTNER और दूसरे क्रमांक के सहमति बाद नया पैन कार्ड निर्माण नहीं किया गया। और तो और JV करार में JV एकाउंट के नाम के अंत में JV अंकित होना अनिवार्य था,लेकिन ऐसा नहीं हैं।

फेज-2 अंतर्गत सीमेंट सड़क का पैकेज 17 व 18 का काम हासिल करने में तत्कालीन स्थाई समिति के मार्फत 5% घुस दी थी,यह घुस तत्कालीन स्थाई समिति सभापति के OSD के मार्फत दी जाने की सूचना प्राप्त हुई हैं। इसके अलावा तत्कालीन JE, DEPUTY, EE, CE और आला अधिकारी सह वित्त विभाग में भी बड़ी कमीशन बंटी।नतीजा आज जब अश्विनी इंफ़्रा और अनुभवहीन DC गुरुबक्षानी JV संकट में आ गई तो उक्त सभी लाभार्थी न सिर्फ उनका बचाव कर रहे बल्कि RTI कार्यकर्ता को नाना प्रकार से धमका रहे।

फेज-2 के काम लकडगंज जोन के चारों ओर हुए।जिसका पहला आरोप तत्कालीन स्थाई समिति सभापति ने लगाते हुए NAGPUR TODAY प्रतिनिधि को अपने कार्यकर्ता मार्फत सीमेंट सड़कों का मुआयना करवाई और खामियां गिनवाई थी।

पिछले 3 माह पूर्व उक्त मामले में आर्थिक धांधली की जानकारी NAGPUR TODAY प्रतिनिधि को मिलते ही एनएमसी,पीडब्लूडी SE MANOJ TALEWAR से मुलाकात की,इन्होने पल्ला झड़ते हुए अपने सहायक दोहरा लाभ उठाने वाले उपअभियंता उइके को जानकारी देने का निर्देश दिया। उइके का तेवर ‘चाय से ज्यादा केतली’ की तर्ज पर दिखा,उसमें जहाँ-जहाँ अर्थात सभी जोन के EE और DEPUTY से संपर्क करने का निर्देश दे दिया।जब लकड़गंज जोन के DEPUTY मंगेश गेडाम से संपर्क किया गया तो उसमें भी SE TALEWAR से अनुमति लेकर जवाब देने की जानकारी दी गई.थोड़ी देर बाद DEPUTY GEDAM का संदेशा आया कि RTI में जानकारी मांगों ,सभी जानकारी अविलंब दे दी जाएंगी।RTI में जानकारी मांगी गई,तीसरा महीना शुरू हैं,LAKADGANJ ZONE के पास PACKAGE-18 की पूर्ण कागजात नहीं थे,अपील में जाने पर कुछ कागजात मिले।

DC गुरुबक्षाणी समूह के सूत्र बतलाते हैं कि DEPUTY गेडाम की मांग पर समूह के मुखिया ने २ पत्र लकड़गंज जोन और मनपा वित्त विभाग में दिए,वह यह कि महत्वपूर्ण दस्तावेज गोपनीय हैं,इसलिए THIRD PARTY को नहीं दी जाए. उधर मनपा वित्त विभाग ने भी उक्त दोषी कंपनी के पक्ष में जानकारी देने से मना कर दिए.यहाँ भी अपील में जाने पर CAFO हेमंत ठाकरे ने अपील को मान्यता प्रदान कर जानकारी देने का निर्देश दिया लेकिन उनके नीचे के कर्मी ने 2 दिन पूर्व तक CAFO के आर्डर को दबा कर रखा हुआ था नतीजा आजतक CAFO की अपील का जवाब RTI को नहीं मिल पाया।

दूसरी ओर RTI कार्यकर्ता ने उक्त मामलात संदर्भ में 3 पत्र सबूत सह मुख्य राज्य के नगर विकास विभाग के सचिव पाठक,स्थाई समिति सभापति पिंटू झलके, मनपायुक्त राधाकृष्णन बी,मुख्य अभियंता उपाध्याय,प्रमुख लेखा व वित्त अधिकारी ठाकरे,अधीक्षक अभियंता मनोज तालेवार को दिए और मांग की गई कि तत्कालीन सभी दोषी अधिकारी को निलंबित करें और उक्त ठेकेदार समूह को BLACKLIST करें और उक्त JV कंपनी के BOGUS खाते से व्यवहार पर रोक लगाई जाए और फ़िलहाल कोई भुगतान न किया जाए लेकिन आजतक किसी ने भी उक्त धांधली मामले में गंभीरता नहीं दिखाई। प्रशासन की निष्क्रियता के विरुद्ध अब न्यायालय की शरण में जाने की तैयारी RTI कार्यकर्ता कर रहे.