Published On : Sun, Jul 15th, 2018

मनीषनगर ROB की कछुआ गति ने बढ़ाई परेशानी

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नागपुर.: उज्ज्वलनगर से मनीषनगर के बीच बन रहे आरओबी के निर्माण कार्य की कछुआ चाल ने क्षेत्र में रहने वाले लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. फरवरी 2017 में बनना शुरू हुए इस आरओबी गति को देखकर लगता था कि करीब 1 वर्ष में इसका बहुत सा कार्य निपट जायेगा, लेकिन 8 से 9 माह तीव्र गति से कार्य चलने के बाद प्रशासन की सुस्ती के कारण पिछले 6 माह से कार्य एक प्रकार से रुक ही गया है.

प्रशासन द्वारा इस आरओबी को लेकर बरती जा रही सुस्ती परिसर के लोगों के लिए जान पर बन आई है. उड़ान पुल का तो काम हो नहीं रहा, ऊपर से इसके आजू-बाजू की सड़क की हालत ऐसी हो गई है कि गड्ढों की वजह से लोगों को हड्डियां तुड़वानी पड़ रही है.

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पानी भरे रहने के कारण गड्ढों की गहराई समझ में नहीं आती, जिसके चलते वाहन चालक गिरकर लहूलुहान हो रहे हैं. रात में यहां की स्थिति बद से बदतर हो जाती है. अभी हाल ही में हुई बारिश ने भी जमकर कहर बरपाया था. निर्माण कार्य के चलते आसपास की गटर लाइन भी चोकअप हो गई है, जिससे बारिश का पानी पास होने में ही कई घंटे लगे थे. स्थानीय नागरिकों के अनुसार संबंधित अधिकारियों का दौरा भी यहां पर कभी-कभार ही होता है. एक तरफ सदर व कलमना, पारडी की ओर बनने वाले पुल का काम जोरो-शोरों से शुरू है, तो इसे लेकर क्यों सुस्ती बरती जा रही है.

सुविधा कम दिक्कतें ज्यादा
नागरिक शिवनाथ शाह बताते हैं कि उड़ान पुल बन जायेगा, तो सुविधा होगी, लेकिन अभी यहां तो सुविधा कम दिक्कतें बहुत ज्यादा बढ़ गई हैं. पुल के निर्माण कार्य को लेकर बहुत अधिक सुस्ती बरती जा रही है. पुल बनने की वजह से आजू-बाजू की सड़क पर स्लोप हो जाने के वजह से बारिश के पानी के कारण समस्या उत्पन्न हो रही है. सड़क की हालत ऐसी है कि गड‍्ढों की वजह से आये दिन वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त होते हैं. प्रशासन उड़ान पुल जब बनाये, तब बनाये, लेकिन यहां की आजू-बाजू की सड़क अच्छी कर देना चाहिए. कम से कम गड्ढों की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं में तो कमी आयेगी.

प्रशासन न करे अनदेखी
मो. नजमुल हक कहते हैं कि मनीषनगर क्षेत्र में अधिकतर लोग नौकरीपेशा रहते हैं, जिन्हें यहां से सुबह-सुबह कार्यालय जाने में बहुत अधिक तकलीफ होती है. प्रशासन जहां हर निर्माणकार्य में तीव्रता दिखा रहा है, तो फिर इस ओर क्यों अनदेखी की जा रही है. यहीं से स्कूल जाने वाले बच्चों को भी जाना पड़ता है. कई माता-पिता अपने बच्चों को इसी रूट से स्कूल छोड़ते हैं, लेकिन इन गड्ढों के कारण हमेशा हादसा होते रहता है. बारिश आने के तीन-चार दिन तक यहां की सड़क पर पानी जमा रहता है, जिसके चलते यहां से निकलने में हमेशा डर बना रहता है. सुविधा देने के चक्कर में ऐसे आधे-अधूरे कार्यों से लोगों को परेशान नहीं करना चाहिए.

नहीं हुआ एक नया कार्य
नागरिक विशाल कुलसंघे बताते हैं कि पहले-पहले काम में खूब तेजी दिखाई, लेकिन बाद में पूरी हवा निकल गई. पिछले 6 माह से इस आरओबी को लेकर एक नया काम नहीं किया गया. यदि काम में सुस्ती नहीं बरती जाती, तो अभी तक इसका बहुत सा निर्माण कार्य हो गया रहता. जितने शीघ्र यह तैयार होगा, उतनी ही लोगों को इसकी सुविधा मिलेगी. लेकिन प्रशासन इस ओर क्यों अनदेखी कर रहा है, कुछ समझ नहीं आ रहा. इसकी वजह से सड़क पर हुए ढलान के कारण बारिश का पानी घुटने से ऊपर तक भर जाता है. इसके आसपास की दूकानों के साथ-साथ घरों में रहने वालों को बारिश के पानी से नुकसान झेलना पड़ता है. प्रशासन को तय सीमा में इसे पूरा करके स्थानीय नागरिकों को राहत देनी चाहिए.

चौपट हो गया व्यापार
दूकानदार रविकांत तलमले बताते हैं कि जब से इसका निर्माणकार्य शुरू हुआ है आसपास की दूकानों का व्यापार चौपट हो गया है. ग्राहकों के इंतजार में सुबह से शाम हो जाती है. आरओबी में सेंट्रिंग का काम होली के बाद शुरू हुआ था, लेकिन उसके बाद इसमें कोई हलचल नजर नहीं आई. पुलिया का किसी तरह का काम नहीं होने के चलते ऐसा लगता है कि इसे लावारिस स्थिति में छोड़ दिया गया है. प्रशासन की जब नींद खुलेगी, तब इसका कार्य आगे बढ़ेगा. तब तक प्रशासन को लोगों की परेशानी से कोई लेना-देना नहीं है. बस ढांचा तैयार करके रख दिया गया है.

मार्केट आने से कतराते हैं लोग
आज मनीषनगर में रिलायंस फ्रेश के साथ अन्य कई तरह की सुविधाएं हो गई हैं, लेकिन इस आरओबी के आधे-अधूरे कार्य की वजह से होने वाली दिक्कतों के कारण लोग यहां पर खरीदी करने के लिए आना नहीं चाहते. यहां के लोगों को हो रही समस्या को देखते हुए प्रशासन को शीघ्र ही इसके कार्य में गति लानी चाहिए.

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