नागपुर: शहर में खेल जगत को बढ़ावा देने के मकसद से इंडोर स्टेडियम की वर्षों पुरानी मांग तो सरकार ने पूरी की, लेकिन इस स्टेडियम का खेल, प्रशिक्षण, शिविर आदि के लिए जितना उपयोग नहीं किया गया उससे ज्यादा संस्कृति, प्रदर्शनी, धार्मिक, प्रवचन, कृषि और व्यावसायिक कार्यक्रमों का सफल आयोजनों के लिए हो चुका है. इन नीतियों के चलते जिला खेल अधिकारी से खिलाड़ियों के साथ खेलप्रेमी वर्ग काफी नाराज है. समय रहते जिला प्रशासन ने उक्त खेल संकुल के इस तरह से व्यवसायिक दुरूपयोगिता पर अंकुश नहीं लगाया तो खेलप्रेमी न्यायालय में गुहार लगाकर न सिर्फ खेल संकुल में अन्य कार्यक्रमों पर रोक लगाने की मांग करेंगे बल्कि अब तक नियम के विरोध हुए अन्य आयोजन के जिम्मेदार अधिकारियों के निलंबन तक की गुहार लगाएंगे.
शहर में खेल संकुल को साकार करने की वर्षों पुरानी मांग थी. जिसे कुछ वर्ष पूर्व राज्य सरकार ने मानकापुर में इंडोर स्टेडियम का निर्माण किया. यह परिसर वैसे तो काफी बड़ा है, लेकिन आज तक सम्पूर्ण परिसर का विकास होना बाकी है. इस ओर विभागीय व जिला खेल प्रशासन ध्यान न देकर सम्पूर्ण परिसर को व्यावसायिक आयोजनों, प्रवचनों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए प्राथमिकता से दे रहा है. इस दौरान खेल से जुड़े सभी उपक्रम बंद कर दिए जाते हैं.
इतना ही नहीं बल्कि स्टेडियम के बाहरी हिस्से जहां ट्रैकिंग आदि का निर्माण किया गया है, वहां या तो मंडप आदि या फिर पार्किंग स्थल बनाकर ख़राब किए जाने का सिलसिला जारी हैं. यहां अब तक छोटे बड़े सैकड़ों आयोजन हो चुके हैं. हाल ही में सहारा समूह का उनके एजेंटों को प्रवचन और संगीत व मिमिक्री संध्या के दिन भर आयोजन से अस्त-व्यस्त सम्पूर्ण परिसर दुरुस्त नहीं किया गया. केवल यही नहीं आगामी माह के तीसरे सप्ताह में तीन दिवसीय डोनेशन कूपन खरीदने वालों के लिए श्रीश्री रविशंकर का प्रवचन का कार्यक्रम का आयोजन होने वाला हैं.इन आयोजकों होना बाक़ी है.
उल्लेखनीय यह है कि न्यायालय द्वारा कस्तूरचंद पार्क और रेशिमबाग मैदान में व्यावसायिक कार्यक्रमों के आयोजन पर अंकुश लगने के बाद सभी आयोजक इंडोर स्टेडियम की ओर आकर्षित हो रहे हैं. इससे विभागीय खेल कार्यालय की ओर से खेलप्रेमियों के साथ खिलाड़ी वर्ग काफी चिंतित और खफा हैं.
मनोरंजन कर विभाग सुस्त, हो रहा राजस्व नुकसान
जिलाधिकारी कार्यालय के ठीक ऊपर जिला का मनोरंजन कर विभाग कार्यालय हैं. इस विभाग में कर्मियों की हमेशा कमी रहती हैं. इसी आड़ में ये कर्मी शहर में मानकापुर स्टेडियम के साथ जगह-जगह आयोजित हो रहे डोनेशन-टिकट शो पर अंकुश लगा पाने में निष्क्रिय रही है. विभाग की कार्यप्रणाली के अनुसार शहर में हुए, हो रहे और होने वाले व्यावसायिक कार्यक्रम की जानकारी के बाद सरकारी राजस्व को चुना लगाकर खुद की स्वार्थ पूर्ति करने में विभाग मस्त हैं.
– राजीव रंजन कुशवाहा