Published On : Sat, Dec 3rd, 2022
By Nagpur Today Nagpur News

मेजर ध्यानचंद की पुण्यतिथि मनाई

नागपुर: 3 दिसंबर 1979 को मेजर ध्यानचंद का निधन हो गया था। वे भारतीय तथा विश्व हाॅकी में इतिहास रचने वाले महान खिलाडी थे जिन्हें पद्म भूषन पुरस्कार से नवाज़ा गया था। उन्हें प्लेयर ऑफ़ द सैंचुरी, हाॅकी के पितामह भीष्म, हाॅकी के जादूगर के नाम से भी जाना जाता था। इलाहाबाद में एक मध्यम वर्गीय राजपूत परिवार में जन्मे मेजर ध्यानचंद का देश सेवा और खेल के प्रति काफी लगाव था।

उनके पिता ब्रिटिश इंडियन आर्मी में सूबेदार सोमेश्वर सिंह थे और उनका जन्म 29 अगस्त 1905 को हुआ था। छठी क्लास तक वे इलाहाबाद के लोकनाथ परिसर की गलियों में रहते थे। इसके पश्चात् उनका परिवार झांसी में रहने लगा। मेजर ध्यानचंद ब्रिटिश इंडियन आर्मी के पंजाब रेजिमेंट में कमीशन हुए। हॉकी में उनकी अद्वितीय प्रतिभा को परख कर वरिष्ठ सेना अधिकारियों ने उन्हें इस खेल में आगे बढ़ने के लिए पूरा समर्थन दिया।

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इसके पश्चात् प्रारंभ हुआ असाधारण उपलब्धियों का दौर। 1928 (एम्स्टर्डम ओलंपिक्स), 1932 (लाॅस एंजेलेस ओलंपिक्स) एवं 1936 (बर्लिन ओलंपिक्स) में भारतीय हॉकी टीम ने स्वर्ण पदक जीते। इसमें उनकी बेहद अहम भूमिका रही। 1936 बर्लिन ओलंपिक्स में कप्तान के तौर पर भी उनका बेहतरीन प्रदर्शन रहा। उनकी उपलब्धियों और नेतृत्व के चलते भारतीय हॉकी टीम के खेल का दर्जा इतना बढ़ गया की कई दशकों तक विश्व में भारतीय हाॅकी का वर्चस्व बरकरार रहा।

शनिवार को उपराजधानी में उनकी 43वीं पुण्यतिथि के अवसर पर विदर्भ हॉकी मैदान, अमरावती रोड में उन्हें भावभीनी श्रद्दांजलि अर्पित की गई। सादगीपूर्ण तरीके से आयोजित इस श्रद्धांजलि समारोह में टीएन सिधरा, डीवी तालेवार, संजय लोखंडे, विजय बोबडे, नावेल जोसफ, इंद्रजीत रंधावा, शाहनवाज़ खान, पंकज, गुरप्रीत सिंह आदि मान्यवर उपस्थित थे।

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