-30 हज़ार रूपए रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया
नागपुर. एसीबी ने महावितरण के एक अभियंता को 30 हज़ार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है. इस घटना ने विभाग में खलबली मचा दी है. आरोपी अभियंता ने काम पूरा करने के बाद बगैर जांच किए रिपोर्ट देने के लिए ठेकेदार से रिश्वत मांगी थी. आरोपी अभियंता का नाम गजानन बलीराम डाबरे (54) है.
गजानन महावितरण के खापा कार्यालय में उप कार्यकारी अभियंता हैं. शिकायतकर्ता एक इलेक्ट्रिकल ठेकेदार है. खापा के एक लेआउट में 3 हायटेंशन लाइन को स्थानांतरित करने का कॉन्ट्रैक्ट महावितरण ने उस ठेकेदार को दिया था. तीनों लाइनों को स्थानांतरित करने का कार्य पूरा किया गया.
ठेकेदार ने काम पूरा होने की जानकारी खापा महावितरण कार्यालय के उप कार्यकारी अभियंता डाबरे को दी. नियमों के अनुसार अभियंता कार्य पूर्ण होने पर जाँच करने और सर्किट, प्रणाली तथा उपकरणों में कोई गलती न होने पर ही रिपोर्ट देता है. लेकिन डाबरे ने बगैर जाँच किए कार्य पूरा होने का प्रमाणपत्र देने के लिए 30 हज़ार रुपए मांगा. ठेकेदार ने एसीबी अधिकारियों के पास जाकर इस बारे में बताया.
डीवायएसपी संदीप जगताप ने मामले की जाँच की और पाया कि डाबरे रिश्वतखोरी में अभियुक्त थे. डाबरे ने ठेकेदार को मंगलवार को मिलने के लिए कहा. प्रमाणपत्र देने के लिए पैसे मांगे. घटनास्थल के पास ही एसीबी की टीम तैयार खड़ी थी. पैसे हाथ में लेते ही एसीबी टीम के सदस्यों ने डाबरे को गिरफ्तार कर लिया. डाबरे के खिलाफ खापा पुलिस थाने में रिश्वतखोरी के संबंधित धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया. इस कार्रवाई में पुलिस अधीक्षक रश्मी नांदेडकर और अपर पुलिस अधीक्षक मिलिंद तोतरे के मार्गदर्शन में डीवायएसपी संदीप जगताप, हवालदार प्रवीण पडोले, लक्ष्मण परतेती, अमोल मेनघेरे, दिपाली भगत और प्रमोद पिंपलकर ने महत्त्वपूर्ण योगदान दिया.
