Published On : Sun, Nov 15th, 2020

घर घर में सादगी से हुआ महावीर निर्वाण

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नागपुर : गत 8 माह से कोविड-19 के कारण राज्य के सभी मंदिर बंद हैं. इस काल में अनेक त्यौहार भक्तों को घर में ही मनाना पड़ा. जैन समाज का सबसे बड़ा त्यौहार पर्युषण पर्व भी लोगों ने घर में मनाया. घर मंदिर हो चुके थे. कार्तिक अमावस के दिन जैन धर्म के 24 वे तीर्थंकर भगवान महावीर का निर्वाण श्रद्धा, भक्ति के साथ मनाया जाता हैं. सुबह 5 बजे से ही भक्तों का मंदिर में आना प्रारंभ हो जाता हैं.

दूर दूर से अनेक भक्त सुबह ही मंदिर पहुच जाते हैं, भक्त कतार में लगकर अपने आराध्य के प्रति श्रद्धा भाव से निर्वाण लाडू अर्पित करते है. जैन मंदिरों में सुबह मेले जैसे दृश्य दिखता हैं.

मंदिर में एक दूसरे को बधाई भक्त गण देते है, मेलमिलाप होता हैं. भक्तों में विश्वास था महावीर निर्वाण के दिन तक मंदिर खुल जाएंगे लेकिन भक्तों की निराशा हुई. मंदिर बंद का राज्य सरकार का आदेश होने से मंदिर बंद ही थे और भक्त पहुच ही नहीं पाए.

भगवान महावीर के 2547 वे निर्वाण महोत्सव पर अनेक भक्तों ने अपने अपने घर मे सुबह रंगोली, फूलों की साजसज्जा करने के बाद अभिषेक, महाशांतिधारा, भगवान महावीर का पूजन, निर्वाण क्षेत्र पूजा, महावीराष्टक, महावीर स्तोत्र, काकड़ आरती के साथ निर्वाण लाडू चढ़ाया. अनेक भक्तों ने अपने शुभचिंतकों ने भ्रमण ध्वनि द्वारा बधाई दी और मास्क लगाने का संदेश भी दिया. जैन समाज ने कोविड-19 के नियमों का पालन कर घर घर में निर्वाण लाडू चढ़ाकर आदर्श स्थापित कर दिया हैं.