विधानसभा चुनाव हेतु जिलाप्रशासन का फतवा जारी
नागपुर : आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान आर्थिक वयवहार पर जिला प्रशासन की कड़ी नज़र रहेगी।१० लाख रूपए के ऊपर पकडे जाने पर आयकर विभाग द्वारा कड़क जाँच की जाएगी।
ज्ञात हो कि विधानसभा चुनाव हेतु १२ सितम्बर से आचारसंहिता लागु की गई.२७ सितम्बर से उम्मीदवार आवेदन जमा करना शुरू कर देंगे।१५ ऑक्टूबर को मतदान और १९ ऑक्टूबर को मतगणना होनी है.इतने कम समय बाद भी युति और आघाडी सह अन्य दलों ने उम्मीदवार तय सह जगह बँटवारे का मामला साफ नहीं किया है.इसलिए असल चुनावी माहौल शुरू होने ने देर है.
दूसरी ओर चुनाव शांतिपूर्वक निपटने के लिए प्रशासन द्वारा पूर्ण तैयारी की जाने क्रम जारी है.इसके लिए सभी विभागों की मदद ली जा रही है.इस दफे प्रत्येक उम्मीदवार को चुनाव खर्च की सीमा २८ लाख रूपए की मर्यादा तय की गई है.
यह साफ है कि सरकारी मर्यादा का १० गुणा खर्च नागपुर जिले के उम्मीदवारों द्वारा किया जायेगा। क्षेत्र सह मुद्दे के हिसाब से सैकड़ो टुकड़ो में अप्रत्यक्ष रूप से खर्च उम्मीदवार अपने हिट में करेंगे।आर्थिक मामले में एक भी विधानसभा में सरकारी नियमों का पालन होगा।इसके लिए उम्मीदवारों द्वारा विभिन्न माध्यमों द्वारा बाहर से पैसों की अवाक् होगी,जिसपर जिला प्रशासन खास नजर रहेगी।इस दौरान १० रूपए से अधिक रकम पकड़ी गई तो आयकर विभाग द्वारा स्वतंत्र रूप से जाँच की जाएगी।और १० लाख से काम रकम पकड़ी गई तो जिला चुनाव विभाग द्वारा सम्बंधित पुलिस प्रशासन के समक्ष मामला दर्ज कर जाँच की जाएगी।
रिटर्निंग अधिकारी की बल्ले-बल्ले
डिप्टी रिटर्निंग ऑफिसर के अनुसार चुनाव कोई भी हो,चुनाव के दौरान जिला प्रशासन से ज्यादा रिटर्निंग ऑफिसर की जिम्मेदारी काँटों भरी रहने के साथ-साथ काफी लाभप्रद रहती है.चुनाव खर्च २०-२५ लाख रूपए मिलती है.जप्त की गई ८०-१०० वाहने उनके अधिकार क्षेत्र में रहता है.इनको रोजाना लगने वाले डीज़ल कागजो पर दर्शाया जाता है,परन्तु हक़ीक़त में सम्पूर्ण चुनाव दौरान २-३ दिन ही सभी वाहने दौड़ती है.शेष दिनों खड़ी रहती है.वाहनों के चालकों को दोनों वक़्त भोजन,स्टेशनरी आदि अनेकों मामले में खर्च का स्वतंत्र अधिकार रिटर्निंग ऑफिसर की इस बार की दीपावली जरुरत से ज्यादा खास रहेगी। कागजों पर खर्च दिखाकर, सम्बंधित बिल प्रस्तुत कर लाखों की हेराफेरी की सम्भावनो को नाकारा नहीं जा सकता है.