Published On : Fri, Sep 7th, 2018

गलत प्रस्ताव तैयार करने पर महाराजबाग डीपी रोड परियोजना से जुडा इंजीनियर सस्पेंड

नागपुर: महाराजबाग डीपी रोड के निर्माण में आई तमाम दिक्कतों को हल करने के बाद भले ही मनपा की ओर से वर्ष 2016 में ही डीपी रोड के निर्माण के साथ ही रोड के बीच आ रहे पुल के निर्माण के लिए 4.75 करोड़ के खर्च को प्रशासकीय मान्यता दी गई हो, लेकिन 2 वर्ष बीतने के बाद अब जाकर इस पुल के निर्माण को हरी झंडी दी गई.

साथ ही आयुक्त के निर्देशों के बावजूद गलत प्रस्ताव तैयार करने का मामला उजागर होते ही धंतोली जोन के कार्यकारी अभियंता सतीश नेरल को निलंबित करने और सम्पूर्ण मामले की विभागीय जांच करने के निर्देश प्रशासन को देने की जानकारी स्थायी समिति सभापित वीरेन्द्र कुकरेजा ने दी. गुरुवार को मनपा मुख्यालय में विकास के विभिन्न विषयों के साथ ही महाराजबाग रोड पर स्थित पुल के निर्माण को भी मंजूरी प्रदान की गई.

Gold Rate
16 Sept 2025
Gold 24 KT ₹ 1,10,700 /-
Gold 22 KT ₹ 1,03,000 /-
Silver/Kg ₹ 1,29,800/-
Platinum ₹ 48,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

विशेषत: 19 जून 2015 को पहली बार इस डीपी रोड के निर्माण को मंजूरी प्रदान की गई थी. यूनिवर्सिटी लाइब्रेरी से लेकर महाराजबाग चौक तक लगभग एक किलोमीटर के इस डीपी रोड को पूरा होने में भी 2 वर्ष लग गए थे.

…तो सलाहकार पर भी होगी कार्रवाई
विभाग की ओर से दिए गए प्रस्ताव के अनुसार अब पुल के निर्माण के दौरान कार्य पर नजर रखने के लिए नए सिरे से तकनीकी सलाहकार के रूप में मेसर्स विध्नहर्ता कंसल्टेन्सी इंजीनियर के सतीश रायपुरे की नियुक्ति को भी मंजूरी प्रदान की गई. उल्लेखनीय है कि महाराजबाग रोड के निर्माण को लेकर वर्ष 2015 में तैयार किए गए प्रस्ताव के बाद इसी तरह पीएमसी की नियुक्ति की गई थी.

लेकिन अब केवल इंजीनियर पर हो रही कार्रवाई और पीएमसी की कार्यप्रणाली को नजरअंदाज किए जाने का मामला उजागर होते ही स्थायी समिति सभापति कुकरेजा ने इसकी भी जानकारी लेकर पीएमसी पर कार्रवाई करने के संकेत दिए.

आश्चर्यजनक यह है कि केवल एक किलोमीटर के रोड के निर्माण के लिए अलग-अलग टेंडर और रोड निर्माण और पुल निर्माण का अलग-अलग टेंडर क्यों मंगाया जा रहा है, इसे लेकर भी संदेह जताया जा रहा है. जानकारों के अनुसार तकनीकी रूप से एक ही टेंडर किया जाना चाहिए था.

फिर त्रासदी भुगतेगी जनता
सूत्रों के अनुसार महाराजबाग डीपी रोड के निर्माण का कार्यादेश दिए जाने के बाद वर्ष 2015 में ही इसका कार्य तो शुरू किया गया था, लेकिन टेंडर की शर्तों के अनुसार निर्धारित समय में इसका कार्य पूरा नहीं किया गया. अलबत्ता 2 वर्षों से अधिक समय तक इस मार्ग को बंद रखा गया था, जिसकी वजह से सिविल लाइन्स से रामदासपेठ की ओर आना-जाना करने वाले लोगों को लंबे समय तक खासी मशक्कत करनी पड़ी थी.

काफी चिल्लाहट होने के बाद किसी तरह इसका कार्य पूरा किया गया. अब पुल का निर्माण शुरू होने के बाद पुन: इस मार्ग के बंद होने की संभावना है.पुल के निर्माण को लेकर भले ही समयावधि निर्धारित हो, लेकिन मनपा की लचर कार्यप्रणाली के चलते निर्माण समय पर पूरे नहीं होने का अब तक का रिकार्ड रहा है. अत: जनता को पुन: त्रासदी झेलनी पड़ेगी.

Advertisement
Advertisement