Published On : Sat, Nov 26th, 2016

महाजनवाड़ी काल बेल्ट का टला खतरा

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bawankuleनागपुर। प्रस्तावित महाजनवाड़ी खान से कायला उत्खनन खर्चीला होने के कारण बताते हुए महाजेनको ने इस खान को लेने से सरकार को इंकार कर दिया है। केवल यही नहीं कोयला की पर्यायी आवश्यकता पूरी करने के िलए केंद्र द्वारा महाजेनको को छत्तीसगढ़ राज्य के रायगढ़ जिले के दरेपायली में 2569 हेक्टर का कोल बेल्ट दिए जाने की जानकारी पालकमंत्री व राज्य के ऊर्जामंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने शनिवार को एक पत्रपरिषद के माध्यम से दी। उन्होंने बताया कि कोयला मंत्रालय ने 6 सितंबर को महाजनवाड़ी खान पट्टा महागुज कम्पनी को दिया था।

महाराष्ट्र के महाजेनको व गुजरात राज्य विद्युत लिमिटेड प्रत्येक को 50 प्रतिशत कोयला इस खान से मिलनेवाला था। लोेकिन इसके बाद महानिर्मिती के नाशिक 660 मेगावैट, भुसावल 660 मेगावैट परियोजनाओं के िलए खान का संपूर्ण कोयला आवंटित करने की निर्णय केंद्र के कायला विभाग ने लिया। इसमें से महाजेनको को केवल 5.5 एमएमडी कोयला ही प्राप्त होनेवाला था। जबकि इसकी जरूरत 50 एमएमडी कोयले की थी। लेकिन महाजनवाड़ी खान पट्टे का मेट्रो रीजन में समावेश हो जाने से बड़े पैमाने पर रिहायशी क्षेत्र विकसित हो गया है। इस परिसर में तकरीबन 50 हजार से अधिक घर खान बेल्ट में आ रहे हैं जिन्हें हटाने से उनके पुनर्वास का प्रश्न चिन्ह खड़ा हो जाएगा। अब महाजनवाड़ी खान बेल्ट विकसित करने की व्यहारिकता की रिपोर्ट श्याम वर्धने के अध्ययन समूह द्वारा की जा रही है।

महाजेनको की संचालक मंडल की बैठक में इस खान पट्टे को रद्द करने का निवेदन पत्र महाराष्ट्र सरकार की ओर से कोयला मंत्रालय को भेजा गया। इससे महाजनवाड़ी कोल बेल्ट का खतरा परिसर से टल जाने की बात उन्होंने कही। केंद्रीय कोयला विभाग ने खान पुनर्वितरण के निर्णय आने पर जल्द ही इससे बंदी हटा कर सारे व्यवहार पहले की तरह शुरू होने की उम्मीद उन्होंने जताई।

पत्रपरिषद में महाजेनको के खनिकर्म संचालक श्याम वर्धने, हिंगणा विधायक समीर मेघे, भाजपा ग्रामीण अध्यक्ष डॉ. राजीव पोतदार, महाजेनको इंधन व कोयला विभाग कार्यकारी संचालक राजीव बुरडे, सांघीय नियोजन व संवाद विभाग कार्यकारी संचालक सतीश चौरे, मुख्य अभियंता कोयला जयंत बोबडे, महानिर्मिती जनसंपर्क अधिकारी यशवंत मोहिते उपस्थित थे।