नागपुर : राज्य के ऊर्जा विभाग ने थर्मल पवार स्टेशन से निकलने वाले राख ( ऐश ) के व्यवस्थानापन के लिए एक कंपनी का निर्माण किया है। इस काम को करने के लिए महाजेनको ऐश मैनेजमेंट सर्विस लिमिटेड नामक कंपनी का निर्माण किया गया है। शुक्रवार को नागपुर के विद्युत भवन में ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कंपनी के प्रशाषकीय कार्यालय का उद्घाटन किया।
ऊर्जा मंत्री के अनुसार यह कंपनी न सिर्फ राख का व्यवस्थापन करेगी बल्कि ऐश पर आधारित उद्योगों को बढ़ावा देगी। कंपनी द्वारा किये जाने वाले व्यास्थापन की वजह से महाजेनको को वर्तमान में आ रहे करीब 2000 करोड़ के खर्च को भी कम करने में मदत देगी।
दुनिया भर में ऐश का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रहा है। कई तरह की चीजे ऐश की वजह से बनायीं जा रही है। इस काम हो बेहतर बनाने के लिए राज्य के सभी 7 थर्मल पवार प्रोजेक्ट के आसपास की जमीन पर दी टाईप का एमआईडीसी क्षेत्र विकसित किया जायेगा। जहाँ अपना उद्योग लगाने वाली कंपनियों को बिजली, पानी के अलावा कई तरह की रियायते दी जाएगी।
इस प्रोजेक्ट में दिलचस्पी दिखाते हुए अल्ट्राटेक, अम्बुजा, ओरियंट, वैष्णवी नामक सीमेंट निर्माण में कार्य कर रही कंपनियों से अपना युनिट लगाने की तैयारी दिखाई है। इस व्यवस्था की वजह से 10 हजार लोगो को रोजगार मिलने की उम्मीद ऊर्जा मंत्री ने व्यक्त की है। ज्ञात हो की पावर स्टेशन से निकलने वाली राख के व्यवस्थापन के लिए इस तरह की पहल करने वाला महाराष्ट्र पहला राज्य होगा। और इस व्यवस्था की वजह से करीब 500 करोड़ का लाभ राज्य सरकार को होगा।
राज्य भर में विभिन्न पावर स्टेशन में से 18 . 6257 दस लाख मेट्रिक टन राख निकलती है। कंपनी के व्यवस्थापकीय संचालक श्याम वर्धने के मुताबिक कंपनी इसी राख के नियोजन का कार्य करेगी। महाजेनको ऐश मैनेजमेंट सर्विस लिमिटेड कंपनी में महानिर्मिति बिपिन श्रीमाली अध्यक्ष जबकि श्याम वर्धने व्यवस्थापकीय संचालक होंगे।