Published On : Tue, Feb 9th, 2021

घाटे में चल रही परिवहन विभाग बड़ा चुना लगाने के लिए सक्रिय

– सीसी रोड फेज-2 टेंडर सह भुगतान घोटाले में प्रत्यक्ष- अप्रत्यक्ष रूप से शामिल गेडाम,तालेवार और परिवहन सभापति बोरकर इस अनावश्यक कृत में भिड़े

नागपुर – सम्पूर्ण विश्व की भांति नागपुर शहर की सार्वजनिक परिवहन सेवा देने के एवज में घाटे में दौड़ रही। ऊपर से कोरोना जैसी महामारी ने नागरिकों सह परिवहन विभागों को आर्थिक रूप से बुरी तरह झकझोर दिया। ऐसे में जैसे तैसे खड़ी होने की कोशिश कर रही नागपुर महानगरपालिका परिवहन विभाग की सेवा (आपली बस) को बड़ा आर्थिक झटका देने के लिए परिवहन सभापति बाल्या बोरकर,अधिक्षक अभियंता मनोज तालेवार और धरमपेठ जोन के कार्यकारी अभियंता गेडाम सक्रिय हैं, ये वहीं अधिकारी-पदाधिकारी हैं जो सीमेंट सड़क फेज-2 के टेंडर सह भुगतान घोटाले में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से सक्रिय थे। क्योंकि मनपा प्रशासन निष्क्रिय हैं, इसलिए न सीसी रोड फेज-2 के टेंडर सह भुगतान घोटाले का सबूत पेश करने के बाद कोई कड़क कार्रवाई की और न ही परिवहन विभाग अंतर्गत होने जा रही आर्थिक धोखाधड़ी पर अभी से ही रोक लगाने की पहल शुरू की,जबकि सभी संबंधितों को इसका हश्र पता हैं।

याद रहे कि परिवहन विभाग के दिशा निर्देश पर DIMTS बसों का संचलन करती आ रही,इनका कार्यालय संतरा मार्केट के पास हैं और बसों की आवाजाही सीताबर्डी मोरभवन से होती हैं। सेवा के लाभार्थी बस पास के लिए महा बैंक चौक का चक्कर लगाना पड़ता हैं। इस मशक्कत को खत्म करने के लिए पिछले परिवहन सभापति बंटी कुकड़े के कार्यकाल में औपचारिक चर्चा कर मोरभवन परिसर में एक इमारत का निर्माण कर,उसमें DIMTS का कार्यालय और पास का काउंटर सह अन्य कामकाजों के लिए उपयोग करने की योजना बनी थी,जिसका अंदाजन खर्च 70,00,000 रुपये आंका गया था,क्योंकि सभापति बाद में बदल दिया गया और योजना कागजों पर नहीं थी।इसलिए विवादास्पद वर्तमान परिवहन सभापति बाल्या बोरकर ने उक्त रकम का आधार बनाकर पक्की इमारत की बजाय ट्रैन के डब्बेनुमा 10 बाय 20 आकार के 3 अस्थाई कार्यालय खरीदने का प्रस्ताव जबरन तैयार करवा कर खुद टेबल दर टेबल मंजूर करवाने के लिए सक्रिय हैं।

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परिवहन विभाग के नियमानुसार परिवहन विभाग अंतर्गत होने वाले सभी निर्माणकार्य/खरीदी के लिए मनपा की PWD विभाग के मार्फत पहल किया जाना जरूरी हैं, इसलिए इस प्रस्ताव को परिवहन विभाग में तैयार कर संबंधित धरमपेठ जोन के PWD विभाग मार्फ़त मंजूरी के लिए प्रयास किया जा रहा। इस मामले में सीसी रोड फेज-2 टेंडर सह भुगतान घोटाले में शामिल लकडगंज जोन के तत्कालीन उप अभियंता गेडाम,तत्कालीन कार्यकारी अभियंता मनोज तालेवार और तत्कालीन स्थाई समिति सभापति बाल्या बोरकर सक्रिय हैं, गेडाम आज धरमपेठ जोन के प्रभारी कार्यकारी अभियंता,तालेवार PWD के अधीक्षक अभियंता और बोरकर आज परिवहन समिति के सभापति हैं। इन्हीं तिकड़ी ने सीसी रोड फेज-2 के तहत टेंडर सह भुगतान घोटाला किया था और आज इसी तिकड़ी द्वारा रेल डब्बा कार्यालय खरीदी में आर्थिक घोटाले को अंजाम देने के लिए सक्रिय बताए जा रहे।

बता दे कि 70 लाख रुपये में 1000 वर्ग फुट में 2000 वर्ग फुट का निर्माण कार्य होने का दावा किया जा रहा,यह मुमकिन हुआ तो मनपा की अपनी और स्थाई संपत्ति खड़ी हो जाएगी। लेकिन इन्हीं रकम में रेल के डब्बेनुमा 10 बाय 20 का 3 कार्यालय खरीदने की योजना पर उक्त तिकड़ी सक्रिय हैं। पूर्व में जब परिवहन विभाग ने उक्त आकार के 1 डब्बे का खर्च का आंकलन किया था तो 11 लाख रुपए खर्च बताया गया था,इस हिसाब से 3 डब्बेनुमा कार्यालय के लिए 35 लाख रुपये ही खर्च होने चाहिए था।लेकिन उक्त खरीदी के लिए 70 लाख रुपये का प्रस्ताव तैयार कर उसे मंजूर करवाने के लिए पूर्ण ताकत उक्त तिकड़ी द्वारा झोंकी जा रही।

अर्थात शेष 30-35 लाख रुपये का बंदरबांट होने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता। इस लाभ की राशि में से 20 लाख रुपये इस तिकड़ी में से एक के जेब मे जाएंगे और शेष राशि में से सभी सहयोगियों को हिस्सेदारी मिलेगी। मनपा का आर्थिक नुकसान के नाम पर विकासकार्य रोकने वाले आयुक्त क्या परिवहन विभाग में होने वाले और PWD विभाग में हुए टेंडर सह भुगतान घोटाले पर कोई ठोस कार्रवाई करेंगे या फिर उनकी भी कथनी और करनी में मुंढे जैसा फर्क होने का एहसास करवाएंगे।