Published On : Sat, Dec 13th, 2014

उमरखेड़ : आदर्श गाँव बनाने के नाम पर सिर्फ लूट!

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  • केन्द्र व राज्य सरकार के संयुक्त उपक्रम
  • योजना की जानकारी देने तालुका कृषि विभाग की टालमटोल नीति
  • जनप्रतिनिधि ने ठेकेदारों से मिलकर की अनियमितताएँ
  • आदर्श गाँव कार्य से ग्रामीण को कोई समाधान नहीं

उमरखेड़ (यवतमाल)। केन्द्र व राज्य सरकार के संयुक्त उपक्रम से उमरखेड़ तालुका में आदिवासी बहुल पिछड़ा गाँव के रूप में जिलाधिकारी के प्रमुख मार्गदर्शन में संबंधित संस्था को विकास का कार्य देकर पिंपलदरी में जिलाधिकारी व जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने एक दिन रुककर आदर्श गाँव बनाने का उपक्रम अपने हाथ में लिया. भारी अनियमितताओं के मद्देनजर किए गए कार्यों की सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जब जानकारी उपलब्ध कराने को कहा तो संबंधित विभाग टालमटोल की नीति अपनाने से शक की सुई टिक गई है.

केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा इस उपक्रम के लिए करोड़ों की निधि उपलब्ध कराये जाने से इस उपक्रम से विकास कार्य   में किस कार्य के लिए कितनी निधि का उपयोग कहाँ किया जा रहा है, इसकी पूर्ण जानकारी तालुका कृषि विभाग उमरखेड़ के पास होने से जनप्रतिनिधि द्वारा सिफारिश करने पर आदर्श गाँव पिंपलदरी के कार्य जिस संस्था को दिया गया उस संस्था द्वारा इस बीच उक्त उपक्रम द्वारा कितनी निधि का उपयोग हो चुका है और कितना विकास हुआ है अथवा नहीं इस संबंध की जानकारी सामाजिक संगठन के पदाधिकारियों ने तालुका कृषि विभाग से माँगी. लेकिन संबंधित संस्था व तालुका कृषि विभाग जानकारी देने में टालमटोल कर रहा है. इसलिए इस निधि का उपयोग हुआ है अथवा नहीं, यह पूरी तरह शक के घेरे में दिख रहा है. ऐसी जानकारी माँगने वाले दो सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने दी.

आदर्श गाँव के विकास करने का कार्य जिन संस्थाओं को सौंपा गया है, उन संस्थाओं के पदाधिकारियों ने तालुका के बकाया क्षेत्र, बंदी क्षेत्र परिसर में सड़क कार्य के अलावा अन्य कार्य दो महाठग पदाधिकारियों द्वारा किए गए कार्य सिर्फ कागजों पर है और उनके किए गए कार्य के विषय में बंदी क्षेत्रों में किसी भी ग्रामीण को समाधान नहीं हुआ. सिर्फ जनप्रतिनिधियों ने आर्थिक लूट करने में माहिर हैं. इसलिए उनके संस्था के मार्फत किए गए कार्यों में घोर अनियमितता व निकृष्ट दर्जे का कार्य किया गया है. ऐसी स्थिति सभी जगहों की है.

पिंपलदरी आदर्श गाँव में किए गए कार्य की जानकारी देने में क्यों टालमटोल की जा रही है, यह शोध का विषय है. इसलिए वरिष्ठ अधिकारी द्वारा इसकी जाँच की जानी चाहिए व आदर्श गाँव बनाने में सहयोग देने की माँग आम जनता कर रही है.

Representational pic

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