नागपुर: लोकमंच का शहर में राजनैतिक रूप से उतना गहरा प्रभाव नहीं है,लेकिन जितना भी है काफी मजबूत है.इस बार लोकमंच के सुप्रीमो पर कार्यकर्ताओं का दबाव कुछ ज्यादा ही है। इस चक्कर में लोकमंच को मनमाफिक सीटे कोई भी बड़ा दल नहीं ददेगा ।इसलिए लोकमंच के एक वर्त्तमान नगरसेवक ने स्वतंत्र चुनावी जंग में कूदने की जानकारी दी है। .यदि ऐसी ही राजनैतिक परिस्थिति रही तो जल्द ही लोकमंच अपने उम्मीदवारों की घोषणा भी कर सकती है।
ज्ञात हो कि हमेशा से मनपा में सत्ता के करीब रहे लोकमंच ने पिछले मनपा चुनाव से कांग्रेस का साथ देना शुरू किया। पिछले मनपा चुनाव में लोकमंच ने भले ही कांग्रेस का साथ दिया लेकिन गठबंधन के पूर्व ही उत्तर नागपुर मेकोसाबाग़ प्रभाग से अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी थ। जिस अंदाज में लोकमंच ने उम्मीदवार पर भरोषा जताते हुए उन्हें चुनावी जंग में उतारा उसी अंदाज में उम्मीदवारों लोकमंच सुप्रीमो को जीत का तोहफा दिया। वैसे लोकमंच के जितने भी उम्मीदवार मनपा चुनाव में जीत कर आये सभी के सभी खुद के वजूद पर जीते। कांग्रेस से गठबंधन के कारण कांग्रेस के कोटे के नगरसेवकों का उत्तर नागपुर में इजाफा हुआ। वर्ना कांग्रेस के ३-४ नगरसेवक ही मनपा में पहुंचे।
इस बार कार्यकर्ताओं के चुनाव से पहले कांग्रेस में नेताओ के मध्य चल रही तनातनी से कांग्रेस गठबंधन के लिए आतुर सभी नेता में सकते में है। लोकमंच के नगरसेविका के पति ने बताया कि अगर जल्द कांग्रेस का कलह नहीं ख़त्म हुई तो लोकमंच अपने सभी उम्मीदवारों की घोषणा कर देगी । ऐसा उन्होंने उत्तर नागपुर के तथाकथित कांग्रेसी नेता से भी साफ़ कर दिया है। वह कांग्रेसी नेता इन्हें बारम्बार वक्त का इंतज़ार करने हेतु निर्देश दे रहा है.बताया जाता है कि इस बार लोकमंच से दो प्रमुख क्रिकेट बुकी मनपा चुनाव लड़ने वाले है.