स्मार्ट सिटी प्रकल्प को लेकर कागजी घोड़े दौड़ाने वाले को दिया गया २ वर्ष का एक्सटेंशन
नागपुर : शहर की स्मार्ट सिटी प्रकल्प की खामियां दिनोंदिन सामने आती जा रही.सर्वप्रथम इस प्रकल्प के तहत सम्पूर्ण शहर में सीसीटीवी स्थापित करना था.जिसका ठेका राज्य सरकार के हस्तक्षेप से एलएनटी को दिया गया.
प्रकल्प के लिए एलएनटी से हुए करार के अनुसार एनएनटी नहीं कार्य कर रही और इस पर स्मार्ट सिटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी का प्रभाव नहीं होने के कारण हकीकत में लगाए गए सीसीटीवी में अधिकांश दिखावे के लिए हैं.
कहीं सिर्फ डब्बा,कहीं सीसीटीवी,कहीं खुदाई,कहीं वायरिंग तो कहीं बिना कनेक्शन के ठूंठ सी खड़ी हैं सीसीटीवी सम्बंधित उपकरणें।
इस सम्बन्ध में मनपा स्थित स्मार्ट सिटी प्रकल्प से संपर्क करने पर उनका साफ़ साफ़ कहना हैं कि वे अर्थात एलएनटी मुंबई से लाधी गई इसलिए शिवाय सीईओ के किसी की नहीं सुनते।जब सीईओ से नगरसेवक वर्ग मिले तो सीईओ भी एलएनटी के समक्ष गिरगिराते नज़र आए.सीईओ के निर्देश के बावजूद २ माह बीतने के बाद भी शहर में सीसीटीवी के नाम पर ठूंठ ‘मुँह चिढ़ा’ रही हैं.
सत्ताधारी जुगाड़ू से लबरेज हैं कंपनी
स्मार्ट सिटी प्रकल्प में मनपा के ढाई गुणा वेतन हैं.इसलिए यहाँ पर तैनात अधिकांश आला अधिकारी जुगाड़ू हैं.इसी क्रम में सीईओ की नियुक्ति हुई,हाल ही में इन्हें २ वर्ष का अतिरिक्त एक्सटेंशन दिया गया.हाल ही में कंपनी के नंबर २ जो मनपा के वार्ड अधिकारी थे,उन्हें सत्तापक्ष का करीबी होने का फायदा मिला और उन्हें सत्तापक्ष के सिफारिश पर गैरकानूनी रूप से पद निर्माण कर नियुक्ति दी गई.
जब हज़ारों घर टूटेंगे,तब असली परीक्षा होंगी
विधानसभा चुनाव के बाद पुनः सत्ता में आने के बाद वर्त्तमान सत्ताधारी स्मार्ट सिटी प्रकल्प को साकारने के लिए हज़ारों घरों को तोड़ेंगी। इस दौरान जनाक्रोश से सामना करना पड़ेंगा।फ़िलहाल इसी क्षेत्रों में सड़क निर्माणकार्य शुरू हैं.