– कुछ घरों के भीतर भी लगे हैं बिजली के खंभे
– विद्युत विभाग, एसएनडीएल के कानों पर नहीं रेंग रही जूं
नागपुर: उत्तर नागपुर का अंतिम छोर किनखेड़े ले-आउट के घरों से गुजर रहे बिजली के तारों से स्थानीय नागरिकों का जीना दूभर हो गया है। इस सन्दर्भ में एसएनडीएल से लेकर ऊर्जा मंत्रालय तक गुहार लगाने के बावजूद कोई सुधार होता दिखाई नहीं दे रहा है। जिससे ऐसा लगता है मानों प्रशासन को किसी बड़े हादसे का इंतेजार है।
प्रभाग क्रमांक-५ में ७५% उत्तर नागपुर तो २५% पूर्व नागपुर में आता है. इसी प्रभाग से गुजरने वाली रेलवे लाइन से किनखेड़े ले-आउट है. यह परिसर ९० के दशक में माधवराव किनखेड़े की खेती हुआ करती थी. इसी खेती से बिजली की लाइन गुजरा करती थी और खेतों में जगह-जगह बिजली के खंभे खड़े थे। किनखेड़े परिवार ने वर्ष १९९० के आसपास अपनी इस खेती को अधिकृत नक्शा मंजूर करा कर प्लाट में तब्दील कर बेचा। यह सिलसिला वर्ष २०११ तक चला। यहां करीब १८ से २० घरों के भीतर से बिजली की लाइन व कुछ घरों के भीतर बिजली के खंभे है, जो यहां के नागरिकों को रोज खतरे की दस्तक दे रहे हैं।
प्लाट धारक अब अपने अपने प्लॉटों पर घर बनाकर रहने लहे हैं। इस दौरान अनेकों बार बिजली विभाग (एमएसईबी) और जनप्रतिनिधियों से इस समस्या को हल करने की मांग की गई। लेकिन किसी के सिर पर जूं तक नहीं रेंगी। करीब ८ साल पहले आए तूफान से रेलवे लाइन किनारे डेढ़ दर्जन से अधिक टिन शेड वाले झोपड़े उड़ कर इसी बिजली के लाइन पर आ अटके थे। इससे बिजली के खंभे भी टेढ़े हो गए थे। इसकी जानकारी देने पर बिजली विभाग ने इसे ३-४ साल सीधे भी नहीं किराया।
इसके बाद बिजली वितरण व्यवस्था का जिम्मा ऊर्जा मंत्रालय के मार्फ़त एसएनडीएल को दिया गया। इनके समक्ष भी अनेकों बार गुहार लगाई गई। करीब ४ साल पहले एसएनडीएल ने टेढ़े बिजली के खम्भों को मकानों से बाहर करने के बजाए खुली बिजली के तारों को ‘कोटिंग वायर’ में तब्दील कर दिया।
स्थानीय नागरिकों ने जानकारी दी कि प्रत्येक घरों- मकानों के पालक हमेशा सकते में रहते हैं। साथ ही कभी छत पर न जाने का ख़्याल बनाए रखना होता है ताकि गलती से भी कोई छत से गुजरने वाली बिजली की तारों को न छुए. बारिश के सीजन में यह चिंता और बढ़ जाती है।
स्थानीय नागरिकों समेत नगरसेवकों प्रवीण भिसिकर ने बिजली विभाग और एसएनडीएल से मांग की है कि सबसे पहले बिना समय गंवाए घरों-मकानों से गुजरने वाली बिजली के तारों और खम्भों को शिफ्ट किया जाए। फिर निधि के बल पर सम्पूर्ण परिसर में बिजली के तारों को भूमिगत करें। शीघ्र ही इस मामले को लेकर स्थानीय नागरिक शहर के सांसद व केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात करेंगे।
उल्लेखनीय है कि गत माह उत्तर नागपुर के विधायक डॉक्टर मिलिंद माने के नेतृत्व में उत्तर नागपुर के दर्जन भर नगरसेवकों ने एसएनडीएल प्रबंधन से मुलाकात की। इस बैठक में माने ने प्रबंधन के समक्ष गुहार लगाई कि उन्होंने ढाई साल में २५० निवेदन दिए गए लेकिन मात्र १०% ही निवेदनों पर गौर किया जाना निंदनीय है। इससे यह साफ हो गया कि एसएनडीएल जनहितार्थ मामलों में जनप्रतिनिधियों की मांगों को अनदेखा कर रही है। जिससे आम नागरिकों की दशा को आसानी से समझा जा सकता है।
– राजीव रंजन कुशवाहा