Published On : Fri, Nov 21st, 2014

आर्वी : दारूबंदी के बावजूद सरकारी कार्यालय में दारू मिलने से हड़कम्प!

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  • अभियंता से पूछने पर उलट समाजसेवक पर लगाए आरोप
  • स्वच्छता अभियान के तहत सफाई करने पहुंचे थे बांधकाम विभाग में
  • परिसर व कार्यालय के टेबल के नीचे मिले शराब की खाली बोलतें

Liqour
आर्वी (वर्धा)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान का नारा देकर हाथ में झाड़ू लेने के बाद ग्रामीण भागों में यह संदेश पहुंचते ही समाज सेवा का प्रण लेने वाले प्रधानमंत्री के शब्दों का मान रखते हुए गांवों को साफ करने का बीड़ा उठा लिया. यहां के प्रसिद्ध समाजसेवक रमेशचंद्र राठी ने प्रेरणा लेकर स्वच्छता जनजागरण अभियान सप्ताह की शुरूआत की.  इसमें पुलिस-प्रशासन व मित्र परिवारों ने भी भाग लिया. मंगलवार को सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग में स्वच्छता की शुरूआत की तो वहां टेबल के नीचे दारू की खाली बोतलें मिली, जिससे कार्यालय में चलने वाली अन्य गतिविधियां उजागर हुई. बता दें कि जिले में शराब बंदी लागू है. अभियंता ने समाजसेवक पर ही उलट बोतलें रखने का आरोप लगाकर मामले की तूल दे दिया.

प्राप्त जानकारी के अनुसार, स्थानीय समाजसेवक व महाराष्ट्र शासन जलरत्न पुरस्कार प्राप्त रमेशचंद्र राठी ने अपने लगभग 150 सहयोगियों के साथ 13 नवम्बर से आर्वी शहर में स्वच्छता अभियान की शुरूआत की. तळेगांव-पुलगांव के रास्ते पर 8 दिनों से स्वच्छ अभियान शुरू था. वहीं 18 नवम्बर को बस स्थानक की सफाई के बाद सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग (बांधकाम विभाग) में साफ-सफाई करते वक्त कार्यालय के अनेक टेबलों के नीचे महंगी दारू की खाली बोतलें मिली. जिसकी सूचना श्री राठी ने पुलिस व समाचार पत्रों को दी. उन्होंने कार्यालय के परिसर में भी दारू की बोतलें मिलने की जानकारी दी.  उन्होंने बताया कि हम सामाजिक दायित्व को निभाते हुए प्रतिदिन 2 हजार रुपये खर्च कर यह स्वच्छता अभियान चला रहे हैं और सार्वजनिक बांधकाम विभाग से दारू की बोतलें मिल रही हैं और यह विभाग हमारे खिलाफ झूठी शिकायतें दर्ज करवाता है. वहीं पुलिस-प्रशासन द्वारा इस सफाई अभियान के खिलाफ कार्यवाही किए जाने से लोगों में अलग संदेश जा रहा है.

Janbandhuउधर आर्वी के सार्वजनिक बांधकाम विभाग के कार्यकारी अभियंता जनबंधू से सवाल किया गया कि जिले में दारू बंदी होने के बाद आपके विभाग से दारू की बोतलों के मिलने पर आप क्या कहते हैं, पूछने पर उन्होंने उलट उन्हें धमकाया और यह भी कहा कि स्वच्छता अभियान की आड़ में समाज सेवक ने ही मेरे कार्यालय व परिसर में दारू की बोतलें लाकर रखवाई है. शायद जनबंधू को मालूम नहीं कि वह किस पर कीचड़ उछाल रहा है. रमेश राठी आर्वी शहर ही नहीं अपितु सम्पूर्ण जिले में समाजसेवा की है. सूखा ग्रस्त इलाकों में अपने हाथों ठंडा पानी का वितरण किया है. किसानों से माल लेकर बाजार भाव से ज्यादा दर देकर उनसे कपास की खरीदी कर उनको आर्थिक लाभ पहुंचाकर उनकी मदद की है. किसानों की बेटियों की शादी के लिए कईयों की मदद किए जाने से सभी भलीभांति परिचित हैं. वहीं वर्धा जिला दूध संघ के नुकसान को केवल 3 दिनों में पटरी पर लाने का श्रेय मुझे जाता है.

ऐसे प्रतिष्ठित रमेशचंद्र राठी के साथ जनबंधू जैसे गरिमामय पद पर रहते हुए आरोप लगाना कहां तक उचित है, पूछने पर उन्होंने मोबाइल को स्विच ऑफ कर दिया. अब क्षेत्रीय जनता यह पूछ रही है कि एक पुरस्कार प्राप्त समाजसेवक पर ऐसे आरोप लगाना कहां तक उचित है?