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अगर नहीं तो मामला यह है कि नागपुर से १६ किलोमीटर की दुरी पर कामठी परिसर में मिलिट्री का बहुत पुराना प्रतिबंधित क्षेत्र है.यहाँ प्रत्येक सार्वजानिक वाक्या मिलिट्री कानून के हिसाब से होता है.होना भी चाहिए ,यह भी कड़वा सत्य है देह में न्यायपालिका सभी भारतीयों के लिए एक सी है.३१ मार्च २०१७ को सुको ने शराब पीकर महामार्ग पर हुए एक युवक की दुर्घटन में मौत सम्बन्धी महामार्ग पर शराब की बिक्री पर पाबन्दी लगाने सम्बन्धी एक याचिका पर फैसला सुनते हुए निर्देश दिया की कुछ जगह छोड़ देश के सभी राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय महामार्गों से ५०० मीटर की दुरी के भीतर सभी शराब की दुकानें बंद की जाये। जिसका शाट-प्रतिशत पालन भी हुआ.
इस निर्णय के दौरान यह भी निर्देश दिया गया था कि महामार्गों पर शराब के होर्डिंग की भी पाबंधी रहेंगी।
लेकिन कामठी स्थित मिलिट्री परिसर ( साई मंदिर के निकट ) के कैंटीन आदि की सुरक्षा दीवार पर हज़ारों बियर के खाली बोतल जोड़े में टांग दिए गए है.इस सन्दर्भ में कोई यह कह रहा है कि मिलिट्री में खपत शराब की खाली बोतलों को बेचने के बजाय उसे फोड़कर यह साबुत दीवारों पर गाड़ने या टांगने से परिसर को सुरक्षित किया गया है.तो कोई यह कह रहे है कि खाली साबुत टंगे बोतल से मिलिट्री शराब की मार्केटिंग हो रही है.नशा के आदि इस मार्ग से आवाजाही करते तो उनके मुँह में पानी आ जाता है.
इस मार्ग से आवाजाही करने वाले आदि-आदि चर्चा करते पाए गए.आवाजाही करने वालों का सवाल है कि क्या यह जाने-अनजाने में शराब का प्रचार तो नहीं हो रहा.अगर जाने-अनजाने में भूलवश गुस्ताखी हो गई तो अविलंब सुरक्षा दीवार से खाली बियर के टंगे बोतल हटाए जाये।