शासन की ओर रोजगार देने मांग
मूल (चंद्रपुर)। शराब की दुकान बंद होने से बेरोजगार हुए युवकों ने परिवार की उपजीविका चलने के लिए शासन ने रोजगार उपलब्ध कराके दे. ऐसी मांग शराब दुकान के सैकड़ों मजदूरों ने की है. मांग की पूर्तता के लिए अन्न त्याग आंदोलन करने का इशारा भी किया है.
तहसीलदार के माध्यम से जिलाधिकारी को दिए ज्ञापन में मजदूरों ने कहां कि, बदहाली की परिस्थिति होने से शिक्षा नही ली. जिससे शराब दुकान और बार में नौकर बनाना पड़ा. आज की स्थिति में हमारे पास रहने के लिए एक खोली का भी घर नही है. परिवार की उपजीविका चलाने के लिए आधा एकड़ खेती भी नही है. अनेक मजदुर विवाहित है और उन्हें छोटे-छोटे बच्चे है. वृद्ध माता-पिता का पालन करने के साथ भाई-बहनों के शादी की जिम्मेदारी हमारे ऊपर है. शराब की दुकान में नौकर और बार में ग्राहकों से मिली टिप से आज तक परिवार की उपजीविका चलती थी. लेकिन शराब की दुकान बंद होने से दुकान मालक ने काम से हटाकर हमें बेरोजगार किया है. बेरोजगारी का जीवन जीते हुए हम परिवार की उपजीविका कैसे चलाये? ऐसा प्रश्न निर्माण हो रहा है. जिससे हम जिन्दा रहकर क्या करेंगे ऐसा ज्ञापन में लिखा है.
परिवार की उपजीविका चलाने के लिए हम रोजगार देख रहे है. लेकिन रोजगार नही मिल रहा. रोजगार नही मिलने से कोई आत्महत्या तो कोई अपराध का मार्ग अपनाने की भाषा बोल रहे है. ऐसी स्थिति में हम शासन की ओर से सहकार्य की मांग कर रहे है. हमारें परिवार की हालत और पात्रता ध्यान में रखकर रोजगार उपलब्ध करके दे. अन्यथा इन मांगों के लिए 20 अप्रैल से स्थानिय उपविभागीय कार्यालय के सामने बेरोजगार हुए मजदुर अन्न त्याग आंदोलन करेंगे. ऐसा इशारा राकेश गेडाम और सुजीत मेश्राम के नेतृत्व में तालुका में बंद हुए शराब दुकान और बार के सैकड़ों मजदूरों ने किया है.