Published On : Thu, Jun 28th, 2018

LED बल्ब भ्रष्टाचार : बिल भुगतान पर रोक

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नागपुर: मनपा में सूचना के अधिकार के तहत ली गई जानकारी के आधार पर वरिष्ठ पार्षद संदीप सहारे द्वारा उजागर किए गए एलईडी बल्ब की खरीदी में भ्रष्टाचार को लेकर समाचार पत्रों में छपी खबर और इसी आधार पर दायर की गई जनहित याचिकाओं पर बुधवार को एक साथ सुनवाई करते हुए न्यायाधीश भूषण धर्माधिकारी और न्यायाधीश झका हक ने न केवल मनपा आयुक्त, महापौर, स्थायी समिति सभापति और खरीदी समिति को नोटिस जारी कर जवाब दायर करने के आदेश दिए, बल्कि खरीदी को लेकर ठेकेदार के बिल का भुगतान करने पर रोक भी लगा दी.

3,400 का बल्ब की 9,900 में खरीदी
समाचार पत्रों में छपी खबरों पर हाईकोर्ट द्वारा लिए गए संज्ञान और इसी संदर्भ में दायर की गई अन्य याचिका के अनुसार 100 वाट्स का एलईडी फ्लड लाइट बल्ब बाजार में 3,400 रु. में उपलब्ध है, जबकि मनपा की ओर से इसे 9,900 रु. में खरीदी करने का निर्णय लिया गया है, जिसके लिए स्थायी समिति के समक्ष विभाग की ओर से प्रस्ताव रखा गया था. हालांकि स्थायी समिति में कुछ सदस्यों ने भी इसे लेकर आपत्ति जताई थी, इसके बावजूद स्थायी समिति ने प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की थी. इसी बैठक में खरीदी समिति भी स्थापित की गई, जिसके बाद टेडर मंगाए गए.

विशेषत: एलईडी पथदीप खरीदी करने के पीछे बिजली पर मनपा की ओर से हो रहे खर्च को बचाने का उद्देश्य रखा गया था. इससे करदाताओं के करोड़ों रुपए की बचत होनी थी. लेकिन कुछ संख्या में लगाए गए एलईडी बल्ब से बिजली की कितनी बचत हुई और कितना राजस्व बचाया जा सका, इसकी जानकारी उजागर नहीं की गई.

80 प्रतिशत अधिक दरों में ठेका
विशेषत: 80 प्रतिशत अधिक दरों पर 1.38 लाख पथदीप खरीदी करने का निर्णय लिया गया था, जिसमें लगभग 100 करोड़ का भ्रष्टाचार होने का संदेह जताया गया था. इस संदर्भ में समाचार पत्रों में छपी खबरों पर अदालत ने स्वयं संज्ञान लेकर याचिका के रूप में अदालत के समक्ष प्रेषित करने के लिए अधि. अमृता गुप्ता को अदालत मित्र के रूप में नियुक्त किया गया था. बुधवार को सुनवाई के दौरान अधि.

गुप्ता ने इसे याचिका के रूप में अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया. साथ ही अधि. अभियान बाराहाते द्वारा दायर जनहित याचिका भी प्रेषित की गई. इसके बाद अदालत ने उक्त आदेश जारी किया. याचिकाकर्ता की ओर से अधि. शशिभूषण वाहाने ने पैरवी की.