नागपुर: मनपा विपक्ष नेता पद मामले पर आज उच्च न्यायलय में न्यायाधीश चांदुरकर ने महाकालकर,वनवे, विभागीय आयुक्त, मनपा आयुक्त के वकीलों से उनका पक्ष सुनने के बाद अंतिम निर्णय देने हेतु ७ जून की तिथि निश्चित की.
मनपा में विपक्ष नेता की नियुक्ति के मामले में उच्च न्यायलय ने विभागीय आयुक्त,मनपा आयुक्त और हाल ही में पद पर नियुक्त किये गए तानाजी वनवे को गाठ दिनों नोटिस जारी किया था। मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ के अवकाशकालीन न्यायालय में नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति को चुनौती देते हुए मनपा के पूर्व विपक्ष नेता संजय महाकालकर ने मंगलवार को याचिका दर्ज करायी। याचिका की अर्जी सादर करते समय महाकालकर के वकीलों द्वारा दिए गए तर्कों और दलीलों के आधार पर नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति का फैसला लेने वाले विभागीय आयुक्त अनूप कुमार के साथ मनपा आयुक्त अश्विन मुग्दल और नेता प्रतिपक्ष पद पर नियुक्त हुए तानाजी वनवे को नोटिस जारी कर अदालत ने मामले पर अपना पक्ष रखने का आदेश दिया था। कांग्रेस पार्टी में उभरी गुटबाजी के बाद निर्माण हुई स्थिति के बाद संख्याबल के आधार पर तानाजी वनवे को कांग्रेस दल का नेता और मनपा सदन में नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया गया था। इससे पहले संजय महाकालकर इन दोनों पदों पर आसीन थे।
संजय महाकलाकर की दलील है कि उनको हटाकर नए सिरे से की गयी नियुक्ति गलत है।नए विपक्ष नेता को अधिकृत तब किया जाना सही होता जब यह विषय मनपा सभा में मंजूर हो गई होती। इसी फैसले के विरोध में उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया था। महाकालकर ने 18 तारीख को वनवे द्वारा विभागीय आयुक्त के पास दर्ज कराई गयी याचिका को ख़ारिज करने की माँग अदालत से की है। महाकालकर की तरफ से अधिवक्ता सुभाष घारे और अजय घारे ने पैरवी थी। मामले की अंतिम सुनवाई ७ जून को होगी