Published On : Tue, Aug 29th, 2017

गुड़िया केस: पुलिस ने बचाए असली आरोपी, CBI ने IG समेत 8 पुलिस अफसर किए गिरफ्तार


नई दिल्ली:
कोटखाई गुड़िया गैंगरेप हत्याकांड में नया मोड़ आ गया है। सीबीआई ने इस मामले में आईजी को गिरफ्तार किया है। मिली जानकारी के सीबीआई ने आईजी जहूर जैदी समेत आठ पुलिस अफसरों और कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा डीएसपी मनोज जोशी को भी गिरफ्तार किया गया है।

इन सभी पर गुड़िया गैंगरेप हत्याकांड के असली आरोप‌ियों को बचाने का आरोप है। सीबीआई की इस कार्रवाई से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है।

वहीं इस मामले में अभी और कई खुलासे हो सकते हैं। कोटखाई गुड़िया गैंगरेप हत्याकांड में पहले कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था लेकिन बाद में इन्हें छोड़ दिया गया था।

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पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया था जिनमें से एक आरोपी सूरज की लॉकअप में हत्या कर दी गई थी।

आठ सवाल, जिससे सलाखों के पीछे गए शिमला पुलिस के अफसर
आईजी जहूर जैदी ने आनन-फानन में प्रेस वार्ता की जिसमें आधे-अधूरे तथ्य पेश किए। रेप कहां हुआ इस बारे में भी पुलिस ने कुछ नहीं बताया। हत्या कैसे हुई इस बात की भी जानकारी नहीं दी गई। रेप कितने लोगों ने किया। इसके अलावा क्या रेप जंगल में किया गया या कहीं दूसरी जगह।

इसका भी पुलिस के पास जबाव नहीं था। पुलिस कस्टडी में आरोपी सूरज की हत्या हुई। इस पर भी कई सवाल उठे। सूत्रों के मुताबिक सूरज सरकारी गवाह बनने को तैयार हो गया था। ऐसे में उसकी हत्या से भी कई सवाल अधूरे रह गए जिनका पुलिस के पास कोई जबाव नहीं था।

जब सूरज ‌की हत्या हुई तो पुलिस थाने के सभी कर्मचारी कहां थे। पुलिस इस पर भी अपनी पक्ष तरीके से नहीं रख पाई। पुलिस के संतरी ने बयान दिया कि जेल में उसके सामने रेप के एक आरोपी सूरज की हत्या नहीं हुई जबकि पुलिस की थ्योरी कहती है कि राजेंद्र उर्फ राजू ने सूरज को लॉकअप में मार डाला।

जानिए केस की पूरी टाइमलाइन
6 जुलाई : शिमला जिले के कोटखाई के जंगल में गुड़िया का मिला शव, पुलिस ने दुराचार के बाद हत्या की जताई आशंका।
7 जुलाई : पोस्टमार्टम रिपोर्ट से दुराचार का हुआ खुलासा, कोटखाई में हुआ प्रदर्शन।
8 जुलाई : मौके पर पहुंचे एसपी शिमला। 72 घंटों बाद भी पुलिस दरिंदों तक नहीं पहुंची, जनाक्रोश भड़का।
9 जुलाई : कई लोगों से की पूछताछ, पर नहीं हुई गिरफ्तारी। जनता ने उठाई सीबीआई जांच की उठी मांग।
10 जुलाई : सरकार ने बढ़ते आंदोलन प्रदर्शन के बाद एसआईटी की गठित, जनता में बढ़ा आक्रोश।
11 जुलाई : सरकार ने पीड़ित परिवार को पांच लाख मुआवजे की घोषणा की। एक लाख दरिंदों को पकड़ने का ईनाम।
12 जुलाई : सीएम के अधिकारिक फेसबुक पेज से कथित आरोपियों के फोटो हुई वायरल।
13 जुलाई : पुलिस ने मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया, जांच पर उठे सवाल।
14 जुलाई : जांच के विरोध में ठियोग थाने पर पथराव, गाड़ियां तोड़ीं, दबाव में सीबीआई जांच की संस्तुति।


रईसजादों के लिए डीएनए सैंपल
15 जुलाई : दो और रईसजादों के लिए डीएनए सैंपल, सीएम ने सीबीआई जांच के लिए पीएम को पत्र लिखा, सुक्खू ने सीएम पर बोला हमला।
16 जुलाई : एसआईटी फिर पहुंची घटनास्थल पर, लोगों ने किया दांदी के जंगल में हवन, कई जगह हुए प्रदर्शन।
17 जुलाई : दिल्ली से मुंबई तक हुए जस्टिस फॉर गुड़िया के लिए प्रदर्शन, राजभवन पहुंची भाजपा ने सरकार की बर्खास्तगी की मांग उठाई।
18 जुलाई : सरकार ने हाईकोर्ट में जल्द सीबीआई जांच शुरू करने के लिए दाखिल किया आवेदन, गुम्मा में चक्का जाम, दिल्ली में हुआ कैंडल मार्च।
19 जुलाई : कोटखाई थाने में एक आरोपी की पुलिस हिरासत में हुई हत्या, जनता ने थाने को घेरा, आग लगाने की कोशिश कई पुलिस वाले घायल।
इसके बाद सीबीआई ने जांच शुरू की। स्‍थानीय लोगों के ब्लड सैंपल लिए। हाईकोर्ट ने सीबीआई को जल्द जांच पूरी करने को कहा। इस बीच सीबीआई को हाईकोर्ट ने फटकार भी लगाई।
29 अगस्त को सीबीआई ने आईजी जहूर जैदी समेत आठ पुलिस अफसरों और कर्मचारियों को गिरफ्तार किया।

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