Published On : Sun, Dec 7th, 2014

कोंढाली ग्रामपंचायत भूल गई डॉ. आंबेडकर का महापरिनिर्वाण दिन!

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पदाधिकारी और अधिकारी की कार्यक्रम के लिए उदासिनता

कोंढाली (नागपुर)। नागपुर जिले की सबसे बड़ी ग्रामपंचायत के नाम से विख्यात कोंढाली ग्रापं में पिछड़े प्रवर्ग के सरपंच होकर भी भारतीय राज्य घटना के शिल्पकार भारतरत्न डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के 6 दिसंबर का महापरिनिर्वाण दिन कार्यक्रम भुल गई यहां की ग्राम पंचायत. इस दिन कोई भी कार्यक्रम का आयोजन कोंढाली ग्रापं की ओर से नही किया गया. साथ ही डॉ. बाबासाहब को किसी भी प्रकार की आदरांजलि नही दी गयी.

नागपुर जिले के प्रवेश द्वार के नाम से पहचाना जानेवाले कोंढाली गांव में 15 हजार लोकसंख्या है. यहाँ एक तृतीयांश दलीत वर्ग होकर यहाँ के पदाधिकारीयों को अधिक संख्या में दलीत जनता ने चुनकर दिया. पिछड़े प्रवर्ग के सरपंच होकर भी भारत में सभी ओर अधिक संख्या में डॉ. बाबासाहब आंबेडकर को आदरांजलि दी गयी थी. संविधान के अनुच्छेद (कलम द्वारा) स्थानीय स्वराज्य संस्था और इतर जगह कार्यक्रम लेना आवश्यक है. लेकिन कोंढाली के पदाधिकारी और अधिकारी कार्यक्रम को कैसे भुल गए? ऐसा प्रश्न बोधिसत्व पद्मपानी मंडल कोंढाली, धम्मसेना कोंढाली और दलीत युवा वर्ग ने उपस्थित किया.

वार्ताहार ने जब ग्राम विकास अधिकारी दिलीप राठोड को पुछा तो उन्होंने झटकर जवाब दिया मुझे कार्यक्रम के बारे में कुछ पता नहीं. पदाधिकारी जिप सदस्य, रामदास मरकाम, पंचायत समिती, उपसभापति योगेश चापले, सरपंच प्रणाली माकोड़े, उपसरपंच ललीत मोहन कालबांडे, ग्रापं सदस्य, याकूब पठान,कमलेश गुप्ता, प्रमोद चापले को मोबाइल द्वारा पुछा गया तो उन्होंने कहाँ हमे किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं और कार्यालय की ओर से कोई निमंत्रण नहीं है.

जिस बाबासाहब ने संविधान की घटना में इस पद पर बैठने का अधिकार दिया है उसी बाबासाहब को कैसे भुल सकते है? ऐसा सवाल स्थानीय जनता कर रही है. तथा पदाधिकारी और अधिकारी से हुए अपमान के लिए धर्मपाल पाटिल, एकनाथ पाटिल सहित इंदिरा कांग्रेस तालुका अध्यक्ष राष्ट्रपाल पाटिल और दलीत संघटना के पदाधिकारी ने जिलाधिकारी को इस अपमान की लिखित शिकायत करेंगे ऐसा कहाँ. ग्रामविकास अधिकारी दिलीप राठोड नें जानभूझकर यह कार्यक्रम नही लिया उनको दलीत जनता के बारे में कोई आदर नहीं है. उनको तुरंत निलंबित करना चाहिए अन्यथा आंदोलन किया जायेगा ऐसा राष्ट्रवादी कांग्रेस मागासवर्गीय विभाग के अध्यक्ष एकनाथ पाटिल ने बताया.

Dr. Ambedkar Statue