अप्रमाणित बीजों की धड़ल्ले से बिक्री
बैंक नियम शिथिल करने की मांग
कोंढाली (नागपुर)। इस वर्ष खरीप फसल की बुआई के लिए किसान तैयार है. विगत तीन वर्षों से नैसर्गिक विपदाओं से जूझ रहा किसान अब बारिश के इंतजार में है. काटोल तहसील के कोंढाली-मेटपांझरा क्षेत्र में अब तक बारिश नही हुई. फलस्वरूप किसान कपास सोयाबीन या अन्य फसल के विचार में लगा है. काटोल तहसील के तहसील कृषि विभाग तथा पंचायत समिति कृषि विभाग के कृषि अधिकारियों द्वारा खरीप फसलों की बुआई के विषय में जानकारी दी जा रही है. 60 मिमी से कम वर्षा में बुआई नही करने की सलाह भी दी जा रही है.
किसान लगातार तीन वर्षों से नैसर्गिक विपदा की मार झेल रहा है. राज्य सरकार किसानों के लिए कर्जा दिलाने के लिए बैंकों से गुहार लगा रही है. किसान पुराने कर्ज को तीन किस्तों में दे तथा नया कर्ज तुरंत दिया जाए, यह जानकारी अखबारों के माध्यम से किसानों तक पहुंच रही है. किसान जब बैंक में जाता है. तब उसे बैंक के अधिकारी बैंक के नियम कानून बताते है और फिर किसान आत्महत्या जैसी घटनाएं घटती है. उन्हें रिझर्व बैंक के आदेश चाहिए.
ऐसे में सरकार उच्च स्तरीय बैठक ले. ताकि किसानों को बैंक में पहुंचने पर उसे कर्जा मिल सके. इसके लिए सरल प्रक्रिया बनाई जाये. आज तो सरकार कर्ज मिलने और दिलाने की घोषणा करते यह सच्चाई कुछ और है. अतः अब किसानों को बैंक अधिकारी परेशान न करे, यह केंद्र सरकार ही कानून बनाये यह मांग स्थानीय किसानों द्वारा की गई है.
राज्य सरकार के कृषि विभाग द्वारा किसानों को बीज खरेदी प्रक्रिया की अनेक जानकारियां दी गई है. किसान प्रमाणित बीज ही खरीदी करे, यह जानकारी बार-बार दी गई है. फिर भी कोंढाली क्षेत्र में सोयाबीन के बीजों की धड़ल्ले से बिक्री शुरू होने की अनेक शिकायतें प्राप्त हुई है. जिला तहसील कृषि अधिकारियों द्वारा खुले बीज बिक्रेताओं पर अंकुश लगाने की मांग भी की गई है.
काटोल तहसील कृषि अधिकारी जुनघरे तथा पं.स. कृषि अधिकारी कौउटकर द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार इस वर्ष खरीप में ज्वार 3500 हेक्टर, मका 700 हेक्टर, मूंग 700 हेक्टर, उड़द 900 हेक्टर, भुईमूंग 2 हजार 500 हेक्टर, तील 100 हेक्टर, सोयाबीन 16 हजार हेक्टर, कपास 21 हजार हेक्टर, अलसी 50 हेक्टर सब्जी भाजी 1700 हेक्टर, फूल खेती 140 हेक्टर, इसी प्रकार 54 हजार 490 हेक्टर खरीप फसल की बुआई होने की संभावना जताई है.