Published On : Tue, Jul 4th, 2017

खड़से के भाग्य का फ़ैसला बंद लिफ़ाफ़े में सरकार के पास

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Eknath Khadse

File pic


नागपुर:
कभी राज्य में बीजेपी के प्रमुख रणनीतिकार रहे कद्दावर पार्टी नेता एकनाथ खड़से इस दिनों राजनीतिक वनवास में है। मंत्री रहते हुए सामने आया ज़मीन गैरव्यवहार से जुड़े मामले ने उनके राजनीतिक जीवन पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया। पुणे के भोसरी में सरकारी ज़मीन का पारिवारिक लोगो को किये गए आवंटन मामले ने जब तूल पकड़ा तो सरकार ने जाँच के लिए डी झोटिंग समिति का गठन किया।

लंबी जाँच प्रक्रिया के बाद समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौप दी है अब सबकी निगाहें इसी पर है की रिपोर्ट के बंद लिफ़ाफ़े में आखिर है क्या ? क्या खड़से दोषी है,अगर है तब क्या होगा और अगर नहीं है तब क्या होगा ?

यह मामला सामने आने के बाद 23 जून 2016 को मुख्यमंत्री ने न्यायमूर्ति डी झोटिंग ने नेतृत्व में एक सदस्यीय समिति का जाँच के लिए गठन किया था। इस समिति का 3 मई 2017 तक कामकाज चला और हांलही में 30 जून को समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौपे जाने की जानकारी सामने आयी है।

इस मामले के प्रतिवादी एमआयडीसी ने जाँच दल के सामने अपनी भूमिका रखते हुए खड़से की सीधी संलिप्तता और उनके दोषी होने की दलील दी थी जबकि खुद खड़से इस मामले में खुद को निर्दोष बताते रहे है। नैतिकता के आधार पर उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफ़ा तक दिया। लेकिन पार्टी में पहले के मुकाबले अब के दौर में उनकी ताकत लगातार कम होती गई।