Published On : Tue, Aug 15th, 2017

‘कसाब’ के जांच प्रकरण में मुख्य भूमिका निभानेवाले अधिकारी नागपुर में तैनात

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ACP Keshav Sangale
नागपुर:
मुंबई के 26-11 के आतंकी हमले में जीवित पकड़े गए एक मात्र आंतकी अजमल कसाब की जांच में मुख्य भूमिका निभानेवाले मुंबई पुलिस का अधिकारी नागपुर शहर पुलिस विभाग में तैनात हो गए हैं। इस पुलिस अधिकारी को हाल ही में पदोन्नति देकर सहायक पुलिस आयुक्‍त बनाकर नागपुर में सेवा के लिए भेजा गया है। इस पुलिस अधिकारी का नाम केशव सखाराम शेंगले है। विश्व का ध्यान केंद्रित करने वाले आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के सदस्य अजमल कसाब आैर उसके 9 साथियों ने मुंबई के ताज होटल में सशस्त्र हमला किया था। कसाब को भारत में 16 आतंकियों के साथ दाखिल होने वाला था, लेकिन सिर्फ 10 आतंकी मुंबई में आए थे। 6 आतंकी आधे रास्ते से वापस पाकिस्तान लौट गए थे। उन लोगो ने कसाब और बाकी आतंकियों को भी वापस लौटने के लिए कहा था लेकिन कसाब ने 10 आतंकियों को अपने साथ मुंबई लाने में सफल हो गया था। हमले में आतंकी अजमल कसाब को मुंबई पुलिस ने जीवित पकड़ा था। पुलिस मुठभेड़ में कसाब के बाकी साथी मारे गए थे। बाद में अजमल कसाब को भी फांसी दे दी गई। इस आतंकी हमले की जांच मुंबई पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी रमेश महाले को सौंपी गई थी। उस जांच दल का नेतृत्व केशव शेंगले ने किया था। शेंगले की मदद के लिए अन्य 12 जांच अधिकारी आैर 150 पुलिस कर्मचारी कार्यरत थे।

सीपी व्यंकटेशम से की मुलाकात
शेंगले सोमवार को नागपुर पहुंचने के बाद पुलिस आयुक्तालय में पुलिस आयुक्त डा. के व्यंकटेशम से मिलने पहुंचे थे। इस दौरान अनौपचारिक चर्चा करते हुए उन्होंने बताया की अजमल कसाब पर देश विदेश का ध्यान लग चुका था। उससे जुड़े एक-एक सवाल को सुलझाना आसान काम नहीं था। जांच दल में शामिल पुलिस अधिकारियों को पसीने छूट रहे थे। लेकिन शेंगले ने उस समय आव्हान को स्वीकार किया और कसाब से कई राज उगलवाए, जिसके आधार पर यह साबित किया जा सका कि पाकिस्तान आतंकी पाल रहा है। कसाब को पंजाबी भाषा अच्छी तरह आती थी। इस कारण उसका स्टेटमेंट लिखने में काफी परेशानी होती थी। 90 दिनों में अदालत में चार्जशीट दाखिल करनी थी, जिससे जांच दल को रात दिन मेहनत करनी पड़ी। उसने पूछताछ में एक बात हमेशा कहता था की उसका काेई जाति धर्म नहीं है।

हर किसी को मारने का था आदेश
कसाब यह कहता था कि “भारत के प्रत्येक पुरुष, स्त्री, बच्चे, वृद्ध और जानवर उसके बैरी यानी की दुश्मन हैं। इसकी शिक्षा ही उसे दी गई थी। इसी कारण है कई बार जांच के दौरान पूछताछ करते समय हिंसक हो जाया करता था। शेंगले ने अदालत में जोरदार पक्ष रखा था। जब कसाब को फांसी की सजा सुनाई गई तब जांच दल ने राहत भरी सांस ली थी। एसीपी बने केशव शेंगले 1990 में पुलिस उपनिरीक्षक के रूप में मुंबई पुलिस सेवा में पदस्थ हुए। उन्होंने 27 वर्ष मुंबई में नौकरी की। जुलाई माह में उन्हें पदोन्नति देकर नागपुर में एसीपी बनाकर भेजा गया है। सोमवार को उन्होंने पुलिस आयुक्तालय में पुलिस आयुक्त डा. के व्यंकटेशम से मिलकर सहायक पुलिस आयुक्‍त सोनेगांव का पदभार 15 अगस्त 2017 को स्वीकार किया ।

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—रविकांत कांबले

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