केरल के लव-जिहाद मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के केरल दौरे का मसला उठाया गया। वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि केंद्र सरकार इस मामले को राजनीतिक रूप देने में लगी हुई है।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने दवे की इस बयान पर आपत्ति जताई। कोर्ट ने कहा कि हमें इस बात से कोई लेना देना नहीं है। शीर्ष अदालत ने यह कहते हुए सुनवाई 30 अक्टूबर तक के लिए टाल दी कि हम इस मसले पर कानूनी पक्ष ही सुनेंगे।
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष सोमवार को सुनवाई शुरू होते ही याचिकाकर्ता मुस्लिम युवक सफीन जहां (हादिया का पति) की ओर से पेश दुष्यंत दवे ने कहा कि केरल जनरक्षा यात्रा के दौरान अमित शाह और योगी आदित्यनाथ ने लव-जेहाद के मसले को भुनने की कोशिश की।
दवे के इस बयान पर पीठ ने आपत्ति जताते हुए कहा कि हम राजनीतिक दलों या नेताओं के बयानों में नहीं पड़ना चाहते हैं। पीठ के बार-बार आग्रह करने के बावजूद दवे यह कहते रहे कि सुप्रीम कोर्ट आखिर इस बात को कैसे नजरअंदाज कर सकती है। उन्होंने कहा कि वह पीठ की जानकारी में यह बात लाना चाहती है कि सरकार किस तरह पूरे मसले का राजनीतिक फायदा लेने की कोशिश कर रही है।