Published On : Thu, Mar 1st, 2018

कांची कामकोटि मठ: शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती को दी जा रही है महासमाधि

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कांची कामकोटि मठ के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती का बुधवार को चेन्नई में निधन हो गया। 83 साल के शंकराचार्य लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे। आज उन्हें समाधि देने की प्रक्रिया की जा रही है। अंतिम प्रक्रिया में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई पलानीसामी समेत दक्षिण की कई बड़ी हस्तियां शामिल हो रही हैं। उनके देहान्त के बाद 1 लाख से ज्यादा लोग दर्शन कर चुके हैं।

शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती को कांचीपुरम के मठ में महासमाधि दी जा रही है। ये प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है जिसमें दो से तीन घंटे का वक्त लगता है।

वह कामकोटि पीठ में हिंदुओं के 69 वें शंकराचार्य थे। खबरों के मुताबिक जनवरी माह में उन्हें अस्पताल में सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पिछले साल शंकराचार्य नवंबर महीने में दिल्ली आए थे।

जयेंद्र सरस्वती 1954 में शंकराचार्य बने थे। इससे पहले 22 मार्च 1954 को चंद्रशेखेंद्ररा सरस्वती स्वामीगल ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था। उस वक्त वो सिर्फ 19 साल के थे।

उनका जन्म 18 जुलाई 1935 में तमिलनाडु में हुआ था। पीठ के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती का पद पर आसीन होने से पहले का नाम सुब्रमण्यम था।

शंकराचार्य के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम दिग्गजों ने शोक प्रकट किया था।