Published On : Fri, Jul 12th, 2019

चर्चित कांबले हत्यकांड मामला : दूसरे राज्य में केस चलाने की आरोपी की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज

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नागपुर- सुप्रीम कोर्ट ने स्टे न देते हुए सरकार को और फिर्यादी को नोटिस जारी किया था, साथ ही कोर्ट ने सरकार को और फिर्यादी को नोटिस देकर चार सप्ताह के भीतर रिप्लाई फाईल करने का आदेश दिया था. आदेश के अनुसार सरकार और फिर्यादी ने अपने जवाब चार हफ्तों के भीतर सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत किये. आज लगभग 11 महीने बाद फैसला दिया गया और कांबले डबल मर्डर हत्याकांड का केस यह नागपुर कोर्ट में ही चलेगा ऐसा आदेश दिया गया. शहर में चर्चित कांबले डबल मर्डर में आरोपी ने सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर पिटीशन याचिका डाली थी, की नागपुर में चलनेवाली इस केस को दूसरे राज्य के कोर्ट में ट्रांसफर किया जाए.

आरोपी ने जिला व सत्र न्यायधीश ए.एस.काझी साहेब (DJ- 9) पर ऐसे आरोप किए थे की वे राजनैतिक दबाव के तहत कांबले डबल मर्डर का केस चला रहे है. आरोपी को सुप्रीम कोर्ट में मौका मिले इस उद्देश्य से सत्र न्यायाधीश ए.एस.काझी साहेब (DJ- 9) ने आरोपी की प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट में हो इसके लिए भरपूर समय दिया. आरोपियों की ओर से न्यायधीश ए.एस.काझी, पुलिस और सरकार पर आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर याचिका डाली थी. उस केस ट्रांसफर पिटीशन की आज सुनवाई दिल्ली के सुप्रीम कोर्ट में रखी गई थी. डबल बेंच के न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नझीर, न्यायमुर्ती आर. सुभाष रेड्डी ने आरोपी के वकीलों की और सरकार और फिर्यादी का पक्ष जाना.

इस दौरान आरोपी के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में आरोप लगाया है की नागपुर सत्र न्यायलय दबाव में काम कर रहा है और समाचारपत्रों में यह खबरे एक तरफ़ा छापी जा रही है. इसपर महाराष्ट्र राज्य मुख्य सरकारी वकील निशांत कातनेश्वरकर व फिर्यादि रविकांत कांबले के वकील सचिन एस.पुजारी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जिला सत्र न्यायलय पर किसी भी तरह का दबाव नहीं है.

आरोपियों को उनके सहूलियत के अनुसार भरपूर समय दिया गया है साथ ही सत्र न्यायलय में चार्ज फ्रेम होकर ट्रायल शुरू हो चूका है. एक गवाह की गवाही हो चुकी है और अन्य गवाहों के समंस नोटिस निकल चुके है. इसके साथ ही यह हत्याकांड का मामला गंभीर है इसके कारण समाचारपत्रों में यह खबर आती रहती है. यह सुनकर सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी की तरफ से डाली गई याचिका रद्द की और केस जहां शुरू है वही पर शुरू रहेगा ऐसा आदेश दिया.

सरकार की तरफ से चीफ स्टैंडिंग काउंसिल स्टेट ऑफ महाराष्ट्र सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया के मुख्य अधिवक्ता निशांत कातनेश्वरकर, साथ ही फिर्यादी रविकांत कांबले की ओर से एडवोकेट सचिन एस.पुजारी ने अपना पक्ष रखा तो आरोपी की तरफ से ऐडवोकेट गगन सांगी व ऐडवोकेट सिद्धार्थ धर्माधिकारी ने पक्ष रखा.