Published On : Mon, Jun 11th, 2018

बीआरडी कांड के आरोपी डॉ. कफील के भाई को मारी 3 गोलियां

Advertisement

बीआरडी अस्पताल केस से चर्चा में आए गोरखपुर के डॉ. कफील अहमद के छोटे भाई कासिफ जमील को रविवार रात अज्ञात बदमाशों ने गोली मारकर उनकी जान लेने की कोशिश की. कफील के भाई को तीन गोलियां लगी हैं. वह गोरखपुर के एक प्राइवेट अस्तपाल में भर्ती हैं.

इस हमले से पहले ही कफील ने खुद के और परिजनों पर हमले की आशंका जताई थी. उन्होंने इस घटना के बाद फिर से दोहराया है कि उनके परिवार को निशाना बनाया जा रहा है.अपने भाई पर जानलेवा हमला होने के बाद डॉ. कफील ने कहा, ‘मेरे भाई जमील को आज तीन गोलियां मारी गई हैं. उनकी हत्या करने की कोशिश की गई है. वह अस्पताल में भर्ती हैं. मैंने हमेशा से कहा था कि वे हमें मारने की कोशिश करेंगे.’जानकारी के मुताबिक उन्हों दो बाइक सवारों ने अपना निशाना बनाया. उत्तर प्रदेश पुलिस इस मामले में जांच कर रही है.

Gold Rate
22 dec 2025
Gold 24 KT ₹ 1,33,300/-
Gold 22 KT ₹ 1,24,000 /-
Silver/Kg ₹ 2,09,200/-
Platinum ₹ 60,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

हाल ही में मिली है जमानत

आपको बता दें कि बीआरडी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से कई बच्चों के मरने के बाद डॉ. कफील को दोषी मानकर जेल भेज दिया गया था. उन्हें हाल ही में हाई कोर्ट से जमानत मिली है. इस केस में आरोपी डॉ. कफील को यूपी एसटीएफ ने लखनऊ से गिरफ्तार किया था. वह घटना के बाद से फरार चल रहे थे. कफील बीआरडी अस्पताल में वॉर्ड सुपरिंटेंडेंट थे.

जेल से लिखा था खत

डॉ. कफील खान ने जेल से ही 10 पन्नों का एक खत लिखा था. इस खत में उन्होंने लिखा था कि बड़े स्तर पर हुई प्रशासनिक नाकामी के लिए उन्हें बलि का बकरा बनाया गया है. 18 अप्रैल को लिखा गया ये खत उनकी पत्नी शबिस्ता ने प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में जारी किया था.

उन्होंने लिखा था, ‘ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे बच्चों को बचाने की मैंने पूरी कोशिश की. मैंने सभी लोगों को फोन किया, मैंने खुद ऑक्सीजन का ऑर्डर किया. मुझसे जो कुछ हो सकता था, मैंने वो सब किया. मैंने एचओडी, बीआरडी के प्रिंसिपल, एक्टिंग प्रिंसिपल, गोरखपुर के डीएम सभी को कॉल किया. सभी को स्थिति की गंभीरता के बारे में बताया.’

खुद किया था सिलेंडर का इंतजाम

उन्होंने आगे लिखा, ‘मैंने अपने दोस्तों को भी फोन कर उनसे मदद ली. बच्चों की जान बचाने के लिए मैंने गैस सिलेंडर सप्लायर से मिन्नतें तक की थीं. मैंने कुछ पैसों का इंतजाम कर कहा कि बाकी पैसा सिलेंडर मिल जाने के बाद पे कर दिया जाएगा. मैं बच्चों को बचाने के लिए एक वार्ड से दूसरे वार्ड भाग रहा था. पूरी कोशिश कर रहा था कि कहीं भी ऑक्सीजन सप्लाई की कमी न हो.’

उन्होंने लिखा, ‘आसपास के अस्पताल से सिलेंडर का इंतजाम करने के लिए मैं खुद गाड़ी चलाकर गया. मैंने एसएसबी के डीआईजी से बात की. उन्होंने काफी मदद की. उन्होंने सिलेंडर लाने के लिए न सिर्फ ट्रक मुहैया कराया, बल्कि कुछ सैनिक भी साथ में भेजे. इसके लिए उनका शुक्रिया अदा किया. ऑक्सीजन की कमी दूर करने के साथ हमने टीम के रूप में काम किया.’

‘सीएम योगी ने लगाई थी डांट’

कफील ने जेल से लिखा था कि 13 अगस्त की सुबह योगी महाराज अस्पताल आए थे. उन्होंने उनसे पूछा कि क्या आप ही डॉ. कफील हैं, जिन्होंने सिलेंडर का इंतजाम किया? मैंने हां कहा तो वे मुझ पर भड़क गए. उन्होंने कहा कि सिलेंडर का इंतजाम कर लेने से आपको लग रहा कि आप हीरो बन जाएंगे? मैं इसे देखता हूं. योगी जी बहुत गुस्से में थे.

‘उनको लग रहा था कि मेरी वजह से ये मामला मीडिया में गया है. मैंने उनसे कहा कि मीडिया को कुछ भी नहीं बताया था, बल्कि वे तो खुद पहुंच गए थे. इसके बाद से मेरे परिवार को तंग किया जाने लगा. पुलिस घर आने लगी. मुझे धमकी दी जाने लगी. मेरा परिवार इन सब बातों से बुरी तरह डर गया था. परिवार को बचाने के लिए मैंने सरेंडर किया.’

‘मुझे लगा कि जब मैंने कुछ गलत नहीं किया तो मुझे कैसा डर? मुझे लगा कि इंसाफ मिलेगा, लेकिन कई महीने बीत गए. मुझे लग रहा था कि मुझे बेल मिल जाएगी, लेकिन अब मुझे लग रहा कि न्यायपालिका दबाव में काम कर रही है. मेरे परिवार की भी जिंदगी नर्क बन गई है. मेरी बेटी एक साल 7 महीने की हो गई है. मैं उसका जन्मदिन भी नहीं मना सका.’

GET YOUR OWN WEBSITE
FOR ₹9,999
Domain & Hosting FREE for 1 Year
No Hidden Charges
Advertisement
Advertisement