Published On : Sat, Jan 18th, 2020

न्यायदान यह एक पवित्र कर्तव्य है- जस्टिस बोबडे

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मनपा ने सरन्यायधीश का किया सत्कार

नागपुर– आज के सत्कार से मैं निशब्ध हो गया हूँ। आपके द्वारा दिया गया प्रेम, और आदर को शब्द में कहना कठिन है। वैसे देखा जाए तो मेरा शपथविधि सम्मेलन दिल्ली में हुआ है। लेकिन आज मुझे सही अर्थो में सरन्यायधीश बनने जैसा लगता है। इस नागपुर शहर की विशेषता यानी यहां के लोग, और उत्कृष्ट व्यक्तिमत्व बनानेवाली मिट्टी, इस शहर ने अनेक महान लोग दिए है। जिन्होंने इस शहर को सम्मानित किया है। मुझे यह बताने में जरा भी संकोच नहीं होता की मेरी सफलता के पीछे भगवान, मेरे माता पिता, पितातुल्य और शिक्षकों का आशीर्वाद है। इसके साथ ही आप और मित्र भी शामिल है। जब जब आव्हान आते है तो मेरे मन में नागपुर में सीखी गई शिक्षा की याद आती है।

नागपुर शहर यह मेरा अस्तित्व का एक भाग है। यह कहना है सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस शरद बोबडे का। वे शनिवार 18 जनवरी को रेशमबाग स्थित सुरेशभट्ट सभागृह में आयोजित मनपा की ओर से नागरी सत्कार कार्यक्रम में बोल रहे थे। मनपा की ओर से बोबडे का नागरी सत्कार रखा गया था । इस दौरान जस्टिस भूषण गवई, जस्टिस रवि देशपांडे, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, महापौर संदीप जोशी, पालकमंत्री नितिन राऊत, गृहमंत्री अनिल देशमुख, मंत्री सुनील केदार,विरोधी पक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस, मनपा आयुक्त अभिजीत बांगर मंच पर मौजूद थे। सभी ने सरन्यायधीश बोबडे का स्वागत किया।

इस समय बोबडे ने कहा की नागपुर शहर ने शिक्षा, राजनीती, न्यायव्यवस्था,खेल, अर्थशास्त्र, विज्ञान के क्षेत्र में बेहतरीन काम करनेवाले लोग दिए है। इस शहर ने अत्यंत होशियार वकील और न्यायधीश दिए है। संस्कार से व्यक्ति आगे बढ़ता है, मुझे गर्व है की मेरे संस्कार नागपुर से है। मेरी बेहतरीन यादो में से तेलंगखेड़ी बगीचा, अंबाझरी, महाराजबाग और स्टारकी पॉइंट थे. क्रिकेट, टेनिस के स्टार खिलाड़ी से मुलाकात हुई थी। यहाँ पर सभी समुदाय के लोग रहते है। राजनीती में हमारे लक्ष्य बापूजी अने, आवारी, दादासाहेब कन्नमवार,खरे,गोलवलकर गुरूजी, एबी वर्धन, वसंतराव साठे, शर्मा, राजाभाऊ खोब्रागडे, जांबुवंतराव धोटे, गोविंदराव देशमुख थे। उन्होंने कहा की नागपुर अनेको की कर्मभूमि है। देश की सबसे बड़ी क्रांति यही हुई थी। बाबासाहेब ने यही दीक्षाभूमि में वंचितों को सम्मान से जीने का अधिकार दिया था। उन्होंने कहा की न्यायदान यह एक पवित्र कर्तव्य है। देश के प्रत्येक व्यक्ति को न्याय मिलना, यह उसका नसैर्गीक अधिकार है।

इस दौरान केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा की यह सम्मान की बात है की वे सरन्यायधीश बने। कई लोगों ने उन्हें करीब से देखा है। गडकरी ने कहा की 30 से 35 साल से उनके और उनके पिता के साथ परिचय थे। किसानों को लेकर उनमे काफी संवेदनशीलता है ।

न्यायधीश भूषण गवई ने कहा की हिदायतुल्लाह बैतूल के थे और बोबडे नागपुर के। सही मायनो में बोबडे नागपुर के पुत्र है । एंटीक वस्तुओ को रखने का उन्हें शौक है । लेकिन सबसे ज्यादा उन्हें मित्र जोड़े रखने का शौक है।

इस समय गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा की कई ऐसी बातें है । जिनके कारण देश में उनका सम्मान है। वे किसान संघटना में काफी सक्रिय रहे।

पालकमंत्री नितिन राऊत ने कहा कि बोबडे के सरन्यायधीश बनने के बाद यहाँ बैठे लोगों को भी अभिमान हो रहा है । उनके परिवार में सभी सन्मानिय है। संयमी, शांत वाली गुणवत्ता उनमे है।

मंत्री सुनील केदार ने कहा की ग्रामीण भाग और किसानों से उनका नाता जुड़ा हुआ है ।

पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा की 41 साल के बाद नागपुर को यह सम्मान मिला है । नागपुर के 90 प्रतिशत लोगों को सरन्यायधीश के बारे में पता है । संगीत, खेल, वनसंपदा में उनकी फोटोग्राफी का उन्हें काफी शौक है । किसानो को कर्जमुक्त करने की संकल्पना उनकी ही थी ।

इस दौरान कार्यक्रम का प्रास्ताविक महापौर संदीप जोशी ने किया। उन्होंने कहा की बोबडे नागपुर के बेटे है। बख्त बुलंदशाह ने 300-350 साल पहले शहर को बसाया था। संतरानगरी, दीक्षाभूमि, टाइगर कैपिटल यह नागपुर नगरी की पहचान है। बोबडे के सरन्यायधीश बनने का शहर को अभिमान है ।

मनपा आयुक्त अभिजीत बांगर ने मानपत्र का वाचन किया। इस दौरान सैकड़ो की तादाद में नागरिको के साथ मनपा के पदाधिकारी, और एडवोकेट मौजूद थे ।