Published On : Wed, May 19th, 2021

कोरोना के कारण JBCCI के गठन टली

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– तिवारी INTUC से रेड्डी गुट को मिला समझौते का प्रस्ताव

नागपुर : कोयला मजदूरों के 11 वें वेतन समझौते के लिए गठित होने वाली JBCCI को लेकर मजदुर संघठनों सह कोल इंडिया (COAL INDIA) मुख्यालय में हलचल शुरू हुई थी कि इंटक के तीनों गुटों में प्रतिनिधित्व को लेकर भिड़ंत शुरू हो गई.मामला तूल पकड़ते देख कोल इंडिया ने कोरोना की आड़ लेकर JBCCI के गठन प्रक्रिया को टाल दिया।तो दूसरी ओर JBCCI में स्थान मिले इसलिए रेड्डी गुट ने तिवारी गुट को समझौते के लिए OFFER दिया लेकिन वे नहीं माने।

कोयला खदान मजदुर के लिए सर्वोपरि JBCCI होती हैं,जिसमें मान्यता प्राप्त सभी कामगार संगठन एकमंच पर आकर प्रबंधन से उनका वेतन संबंधी मामले को निपटाती हैं.पिछले कुछ वर्षो से इंटक के मध्य एक नहीं बल्कि 3-3 गुट हो जाने से उन्हें JBCCI में प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा.

इस दफे कोयला मंत्रालय/कोल इंडिया की मंशा थी कि तीनों गुटों से प्रतिनिधि लेकर JBCCI का गठन किया जाए.इस जानकारी से हरकत में आई तिवारी गुट ने खुद को असली इंटक होने संबंधी कोयला सचिव और कोल इंडिया चेयरमैन को लिखित जानकारी सह सबूत दिए,यह भी जानकारी दी कि रेड्डी को वर्ष 2006 में राज्य सभा के लिए कांग्रेस ने मौका नहीं दिया तो उन्होंने सम्पूर्ण देश में आंदोलन करवाया,इसके साथ ही वर्ष 2007 में एक अन्य इंटक का पंजीयन करवाया तो रेड्डी और दुबे गुट ने भी खुद के गुट की दावेदारी करते हुए खुद को असली इंटक बतलाया।

दूसरी ओर रेड्डी गुट ने कोयला उद्योग में पुनः पैर ज़माने के लिए तिवारी गुट को समझौते का प्रस्ताव दिया लेकिन तिवारी गुट ने उसे सिरे से अस्वीकार कर दिया।तिवारी गुट का कहना था कि जब वे असली इंटक हैं तो फर्जी इंटक से कैसा समझौता ?

उक्त मामले को लेकर कांग्रेस आलाकमान ने अजीब सी चुप्पी साध रखी हैं,शायद वे न्यायालय के निर्णय का इंतजार कर रहे.न्यायालय में जिस गुट की जीत होगी,पक्ष उन्हीं के साथ खड़ा नज़र आएगा।