Published On : Tue, May 12th, 2020

जैन संस्थाओ का फैसला : सूर्यसागर को न माना जाए दिगंबर जैन साधू

Advertisement

नागपूर- दिगंबर जैन सम्प्रदाय की सभी प्रमुख संस्थाओ की ओर से वीडियो कांफ्रेंस मीटिंग कर तथाकथित साधू सूर्यसागर यह दिगंबर साधू नहीं है,यह अहम् और ऐतिहासिक फैसला लिया गया है. इस दौरान सभी संस्थाओ की ओर से कहा गया है की यह साधू ढोंगी और पाखंडी है. इस दौरान कहा गया है की सूर्यसागर नाम से एक व्यक्ति नग्न भेष धारण कर लोगों को जैन मुनि होने का दावा करता है.लोगों को धमकिया देता है, जैन परंपरा के खिलाफ बोलता है, जबकि यह दिगंबर जैन मुनि नहीं है. सकल जैन समाज ने इसका विरोध किया है.

इनका कहना है की इस साधू के द्वारा किए गए वक्तव्य और कार्यो से जैन सम्प्रदाय का किसी भी तरह का कोई वास्ता नहीं है. जैन समाज के लोगों ने और संस्थाओ ने सरकार और मीडिया से अपील की है की तथाकथित सूर्यसागर को आचार्य, जैन मुनि,जैन साधू, या दिगंबर साधू न लिखे . इस बारे में नागपुर में इस तथाकथित साधू के खिलाफ पुलिस स्टेशन में शिकायत भी दर्ज कराने वाले है .

Gold Rate
20 May 2025
Gold 24 KT 93,400/-
Gold 22 KT 86,900/-
Silver/Kg 95,700/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

इस बारे में डॉ. रिचा जैन ने जानकारी देते हुए बताया की सूर्यसागर कोई मुनि या साधू नहीं है. 2003 में उसने महिलाओ के साथ दुर्व्यवहार किया था. वह गुजरात के वड़ोदरा के पास हलोल हाइवे पर ओमकार तीर्थ नाम से मठ बनाकर रहता है. जैन समाज अहिंसा वाला धर्म है, जबकि सूर्यसागर के पास हथियार भी है और वह हमारे पूजनीय मुनियो के खिलाफ अपशब्द बोलता है. जैन ने कहा की हमारे मुनि ब्रह्मचार्य का पालन करते है, जबकि इसके साथ एक महिला भी रहती है.

उन्होंने बताया की यह तथाकथित सूर्यसागर फेसबुक पर हमारे आचार्यो के खिलाफ बहोत अश्लील भाषा में टिप्पणियां और गालीगलौज करता है. इस तरह के तथाकथित साधू का जैन धर्म से कोई लेना देना नहीं है. वह कई बार मारने पीटने की बाते भी वहां सामने आयी है, जहाँ यह रहता है.

Advertisement
Advertisement
Advertisement