- ७५ हजार कर्ज के लिए माँगी थी २ हजार की रिश्वत
- मेहकर के विशेष अदालत ने सुनाई १ वर्ष व ५ हजार का आर्थिक दण्ड
बुलढाणा। कपड़े की दुकान के लिए कर्ज उपलब्ध कराये जाने के एवज में रिश्वत लेने वाले लिपिक को मेहकर के विशेष अदालत ने मंगलवार को ५ हजार रुपये आर्थिक दण्ड व तीन महीने की सश्रम कारावास की सजा सुनाई.
एसीबी व सूत्रों के अनुसार, सन् २००१ में पेड़ से गिर जाने से शिकायतकर्ता का दाहिना हाथ बेकार हो गया था. उसके बाद उसने महाराष्ट्र राज्य अपंग वित्त व विकास महामण्डल, मुंबई के व्यावसायिक योजना अंतर्गत कपड़े की दुकान के लिए ७५ हजार रुपये की कर्ज मंजूरी के लिए महाराष्ट्र लघु उद्योग विकास महामण्डल पहुँचा. महामण्डल में पदस्थ लिपिक बबन महादेवराव दानव ने शिकायतकर्ता से कर्ज मंजूरी के एवज में दो हजार की रिश्वत की माँग की. इसके बाद उसने एसीबी में शिकायत दर्ज करवा दी. शिकायत के आधार पर एसीबी की टीम ने ६ मार्च २००५ को महामण्डल में जाल बिछाकर लिपिक को २ हजार रिश्वत लेते रंगेहाथों दबोच लिया. साखरखेर्डा थाने में उसके खिलाफ रिश्वत लेने का मामला दर्ज कर न्यायालय में पेश किया गया. लम्बी सुनवाई के बाद अंततः मंगलवार २३ दिसम्बर को दोनों पक्षों की दलालें सुनने के बाद विशेष न्यायालय के न्यायाधीश ए.एस. कलोती ने आरोपी बबन दानव के खिलाफ पैâसला सुनाते हुए ५ हजार रुपये की आर्थिक दण्ड सहित १ वर्ष की सश्रम कारावास की सजा मुकर्रर की. साथ ही दण्ड न भरने की सूरत में ३ महीने की अतिरिक्त कारावास व कलम १३ के अनुसार दो वर्ष की सश्रम कारावास व १० हजार रुपये दण्ड व दण्ड न भरने पर ६ महीने की अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई. सरकारी की ओर से एड. अशोक हिंगणे ने कामकाज देखा.
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