Published On : Sat, Oct 11th, 2014

साकोली : अधूरे सिंचाई प्रकल्प पूर्ण करेंगे, युवाओं को रोजगार दिलाएंगे

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राकांपा उम्मीदवार सुनील फुंडे का संकल्प


Sunil-Funde
साकोली (भंडारा) 
साकोली निर्वाचन क्षेत्र से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के उम्मीदवार सुनील फुंडे ने संकल्प कर लिया है. उनका संकल्प है कि अगर वे चुनकर आते हैं तो वे इस क्षेत्र के अधूरे पड़े सिंचाई प्रकल्पों को पूर्ण करवाएंगे और युवाओं के लिए रोजगार उपलब्ध कराने पर विशेष ध्यान देंगे. ‘विदर्भ टुडे’ के साथ एक संक्षिप्त साक्षात्कार में सुनील फुंडे ने कहा कि चुनकर आने पर गांवों को सड़क मार्ग से जोड़ने के साथ ही शिक्षा से संबद्ध सारी सुविधाएं उपलब्ध कराना भी उनकी प्राथमिकता होगी और विकास कार्य के दौरान बिना किसी जाति और भेदभाव के वे काम पर ध्यान देंगे.

बीडीसीसी को तरक्की के रास्ते पहुंचाया
सुनील फुंडे सहकारिता क्षेत्र का जाना-माना नाम है और वे भंडारा डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-आॅपरेटिव बैंक (बीडीसीसी) के अध्यक्ष रह चुके हैं. दृढ़ संकल्प, कुशल संगठन क्षमता और मेहनत के बल पर ही उन्होंने भंडारा डिस्ट्रिक्ट बैंक को विदर्भ के सहकारी बैंकों में आज दूसरे नंबर पर ला खड़ा किया है.

फुंडे ने वर्ष 2005 में जब बैंक का कार्यभार संभाला था तब बैंक की शाखाओं की संख्या 33 थी और बैंक में 235.77 लाख रुपए का डिपॉजिट था. बैंक का लोन 126.20 लाख रुपए था और एनपीए 45.59 लाख था. आॅडिट में बैंक को ‘ब’ श्रेणी मिली हुई थी. फुंडे के कार्यकाल के दौरान बैंकों की शाखाओं की संख्या बढ़कर 41 हो गई और बैंक के डिपॉजिट, लोन, एनपीए सबमें भारी वृद्धि दर्ज की गई. डिपॉजिट बढ़कर जहां 784.33 लाख हो गया वहीं लोन भी 408.14 लाख रुपए हो गया. आॅडिट में बैंक की श्रेणी भी बढ़कर ‘अ’ हो गई. आज की स्थिति में बैंक 449.81 लाख रुपए के फायदे में चल रहा है.

संघर्ष को ही अपनी दिनचर्या बना चुके फुंडे के कुशल नेतृत्व के कारण ही आज बैंक चहुंमुखी प्रगति कर रहा है. दरअसल, कड़ी चुनौतियां स्वीकार करना और उन्हें पूरा करना फुंडे का स्वभाव है. सहकारिता क्षेत्र के बाद अब वे लोकनेता भी बनना चाहते हैं.

जो लगे अपना-अपना सा
फुंडे का गृह नगर साकोली है. उनकी भाषा-शैली ग्रामीण है. इसी के चलते कार्यकर्ता, पदाधिकारी, गांवों के आम लोग, किसान, खेतीहर मजदूरों को उनका साथ स्वाभाविक लगता है. वे न सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याओं से वाकिफ हैं, बल्कि वे जानते हैं कि युवा वर्ग आज किस हाल में है. इसलिए वे जानते हैं गांव के विकास में किन मुद्दों और बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करना है. फुंडे के स्वभाव और उनकी कार्यशैली के चलते ही युवा वर्ग की फौज आज उनके साथ है, क्योंकि वे जानते हैं कि सुनील फुंडे की सफलता में ही उनका भी भविष्य है.

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पेश हैं उनसेकी गई बातचीत के मुख्य बिंदु.

उम्रदराज एवं वरिष्ठ नागरिकों के लिए आपकी क्या योजनाएं हैं?
-साकोली विधानसभा क्षेत्र के साकोली, लाखनी, लाखांदुर तहसील में एक भी ऐसा उद्यान नहीं है, जहां बुजुर्ग, बच्चों के साथ ही प्राकृतिक वातावरण में एक-दूसरे के साथ मिल-बैठकर बातें कर सकें. विचारों का आदान-प्रदान कर सकें. इसके लिए वे वरिष्ठ नागरिक केंद्र खोलेंगे.

युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए क्या उपाय योजनाएं हैं?
-जिस प्रकार पिछले वर्ष केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने भंडारा में रोजगार मेले का आयोजन किया था, उसी प्रकार रोजगार मेला आयोजित कर युवाओं के लिए रोजगार उपलब्ध कराने पर जोर दिया जाएगा.

माड़िया वोटरों तक अपनी बात कैसे पहुंचा रहे हैं ?
-मेरी पत्नी सरिता फुंडे के साथ पार्टी की महिला कार्यकर्ता तीनों तहसीलों में घर-घर में जाकर जनसंपर्क अभियान चला रही हैं. इसलिए जहां वे नहीं पहुंच सके हैं, वहां पर महिला कार्यकर्ता पहुंच रही हैं और अपनी बात रख रही हैं.