Published On : Mon, Sep 4th, 2017

मेडिकल के पीजी डीएमएलटी के लिए बुलाया सौ विद्यार्थियों को, 60 को बिना इंटरव्यू लिए लौटाया

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नागपुर:
नागपुर के मेडिकल कॉलेज में वर्ष 2017 के पीजी-डीएमएलटी (पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मेडिकल लेबॉरेटरी टेक्नोलॉजी) पाठ्यक्रम के लिए प्रवेश के लिए करीब 12 जगह निकाली गई थी. इस पाठ्यक्रम में एडमिशन के लिए नागपुर जिले समेत अन्य जिलों के विद्यार्थियों ने भी फॉर्म भरे थे. फॉर्म भरने के बाद समाचार पत्र में लिस्ट में नाम आनेवाले सभी विद्यार्थियों को 31 अगस्त को नागपुर के मेडीकल कॉलेज में इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था. जिसमें कई जिलों के विद्यार्थी दूर दराज से मेडीकल कॉलेज इंटरव्यू के लिए पहुंच गए थे. इस दौरान इँटरव्यू के लिए करीब 100 विद्यार्थी पहुंचे थे.

इन विद्यार्थियों के लिए न तो बैठने की ही कोई व्यवस्था की गई थी और न ही पीने के पानी का ही इंतेजाम किया गया था. 12 सीटों के लिए इंटरव्यू देने आए इन विद्यार्थियों में से केवल 40 विद्यार्थियों का ही इंटरव्यू हुआ. शेष विद्यार्थियों से कहा गया कि वे वापस घर वापस जा सकते हैं. सुबह से इंटरव्यू की राह देख रहे विद्यार्थियों ने यहां मौजूद अधिकारियों से कहा कि करीब 100 विद्यार्थी जब इंटरव्यू के लिए आए हैं तो केवल 40 विद्यार्थियों के इंटरव्यू लेने का क्या अर्थ है. लेकिन इस बारे में मेडीकल के किसी भी अधिकारी ने विद्यार्थियों के सवालों के सीधे जवाब नहीं दिए. जिससे विद्यार्थियों में मेडिकल प्रशासन के अधिकारियों के खिलाफ काफी नाराजगी देखने को मिली.

इस दौरान कुछ विद्यार्थियों ने बताया कि आज के युग में मोबाइल, एसएमएस, मेल जैसी सुविधाओं के बाज भी किसी भी विद्यार्थी को एसएमएस, संपर्क या मेल नहीं किया गया. सुबह से आकर बैठने पर यहां इंटरव्यू भी नहीं लिया गया. जिसके कारण कहीं न कहीं इन भर्तियों में गड़बड़ी होने की संभावना विद्यार्थियों ने जताई.

कुछ विद्यार्थियों ने बताया कि जब 40 विद्यार्थियों का इंटरव्यू लेना था तो उन्हें ही संपर्क करना चाहिए था. जिससे की शेष विद्यार्थियों का समय और पैसा बर्बाद नहीं होता. इतनी दूर से आने के कारण कई विद्यार्थी जो दूसरी जगहों पर काम करते हैं उन्हें छुट्टी लेकर नागपुर में इंटरव्यू देने आना पड़ा. लेकिन यहां आने पर इंटरव्यू भी नहीं हुआ.

इनमें से कुछ विद्यार्थियों का कहना था कि किसी भी विद्यार्थी से सीधे मुंह बात तक नहीं किया जा रहा था. नाम पुकारकर 40 विद्यार्थियों के इंटरव्यू लिए गए. कुछ विद्यार्थियों का कहना है कि कई विद्यार्थियों के परसेंटेज काफी ज्यादा होने के बावजूद उनका इंटरव्यू नहीं लिया गया. इस पूरी प्रक्रिया की जानकारी के लिए मेडीकल हॉस्पिटल के डीन डॉ. अभिमन्यु निसवाड़े से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि इंटरव्यू से सम्बंधित कोई भी जानकारी उनके पास नहीं है. निसवाड़े ने डॉ. कुंभलकर से संपर्क करने के लिए कहा लेकिन डॉ. कुंभलकर से कई बार संपर्क करने पर भी उन्होंने कोई प्रतिसाद नहीं दिया.