– पक्षों से उम्मीद टूटने पर बागी खड़े रहने की मंशा
नागपुर – नागपुर महानगरपालिका चुनाव का बिगुल बज चूका हैं,लेकिन चुनाव की तारीख घोषणा अभी बाकी हैं.चुनाव लड़ने के इच्छुक अपने-अपने स्तर से तैयारी में जुटे हुए हैं.बावजूद इसके पक्ष या निर्दलीय चुनाव लड़ा जाए न लड़ा जाए,इस बात को लेकर सभी पशोपेश में नज़र आ रहे.
जानकर सूत्रों के मुताबिक भाजपा के 700,कांग्रेस के 500,एनसीपी के 150,शिवसेना के 100,रिपा के 150,बसपा के 50 और अन्य पक्षों के 150 इच्छुक एक और चुनावी तैयारी कर रहे तो दूसरी ओर उम्मीदवारी न मिलने पर इनमें से नाराज बागी तेवर अपना कर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी जंग में कूद सकते हैं.
अमूमन सभी पक्षों ने अपना पत्ता नहीं खोला।इसलिए पक्ष की ओर से उम्मीदवारी के इच्छुक पक्ष नेतृत्व पर आशा भरी निगाह से उनके आगे की रणनीति पर आस लगाए इंतज़ार कर रहे.
बड़े पक्ष भाजपा और कांग्रेस के पास प्रत्येक प्रभाग से उम्मीदवारी मिले,इस मामले में इच्छुकों की फेरहिस्त काफी लम्बी होने की खबर हैं.
भाजपा एक ओर नेताओं और उनके करीबियों को उम्मीदवारी देने के बजाय,चुनाव जितने वाले उम्मीदवारों को टटोल रही तो दूसरी ओर कांग्रेस में खुली गुटबाजी से ओतप्रोत होकर विधानसभा निहाय सक्षम के साथ करीबियों को उम्मीदवारी मिले,इसलिए भी रणनीति बना रहे.
शिवसेना इस दफे दर्जनभर उम्मीदवार जीत कर आये,इसलिए वैसे उम्मीदवारों पर ध्यान केंद्रित कर सक्रीय हैं.एनसीपी में भी सभी प्रभाग में उम्मीदवार का टोटा हैं,लेकिन वे अन्य पक्ष के बागियों की राह तक रही.
रिपा की एकीकरण के प्रयास से बसपा सकते में हैं,क्यूंकि मतों का विभाजन व टकराव की संभावनाओं को नाकारा नहीं जा सकता।
इसके अलावा अन्य पक्ष व संगठन भी चुनाव में उल्लेखनीय उपस्थिति दर्ज करवाने के उद्देश्य से सक्रिय हैं,इनमें से इक्के-दुक्के इस प्रभाग पद्धति चुनाव प्रक्रिया में टिक पाएंगे या फिर ‘वोट कटुआ’ की रोल अदा कर सकते हैं.
पक्षों से उम्मीदवारी की आस लगाए बैठे इच्छुकों,जिन्हें उम्मीदवारी नहीं मिलेगी या न मिलने की आशा हैं,इन सर्वपक्षीय इच्छुकों की सूची भी बड़ी हो सकती हैं,इनमें से आधे पक्ष निहाय मना लिया जाएगा और जो नहीं माने तो वे पक्ष के उम्मीदवारों के लिए नासूर बन सकते हैं.इस क्रम में भाजपा और कांग्रेस को ज्यादा डर सता रहा हैं.
कुल मिलाकर उक्त चुनाव को लेकर सभी पक्ष-गुट फ़िलहाल असमंजस में नज़र आ रहे,कोई सत्ता कायम रखने या फिर सत्ता में लौटने के लिए रणनीति तैयार करने में लीन हैं तो कुछ चमत्कार करने की सोच लिए नाना प्रकार के घोषणाएं कर रहे.