Published On : Tue, Feb 26th, 2019

महामेट्रो के इंटरचेंज के काम ने बदल दिया शहर का स्वरूप

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मेट्रो ने कहा चुनौतियों से निपटते गये माहौल बदलता गया

नागपूर : महानगर में शुरू महा मेट्रो परियोजना के निर्माण कार्य जहां नागरीको कों अत्याधुनिक विश्वस्तरीय दर्जे की सार्वजनिक परिवहन सेवा निर्धारित समय सिमा में उपलब्ध कराने के लिए कटीबद्ध है वही दुसरी और इसके हो रहे कार्यो के चलते महानगर का स्वरूप अपने आप ही बदलते जा रहा है. महानगर में कार्यान्वियीत हुई सार्वजनिक परिवहन सेवा के कार्यो को देखकर नगरवासी और आगंतुको में कौतुहल बना हुंआ है.

परियोजना के कार्यो की शुरुवात 18 फरवरी 2015 को हुई थी, इस दौरान महा मेट्रो के प्रबंध निदेशक डॉ. बृजेश दीक्षित ने निर्धारित अवधी में काम साकार करने का उल्लेख किया था. उस दिशा में कार्य को पुरा करने में महा मेट्रो की टीम दिन रात कंधे से कंधा मिलाकर कार्य में जुटी रही.

भूमी अधिग्रहण से लेकर पटरी बिछाने और तकनिकी कार्यो को निर्धारित अवधी में करणे में महा मेट्रो को सफलता ही नही मिली बल्कि प्रवासी सेवा के लिए जितने भी आवश्यक प्रमाणपत्र है, उन्हे भी प्राप्त कर लिया गया. पिछले 4 वर्षो के कार्यकाल के दौरान छीटपुट वारदातो को छोड दिया जाये तो, निर्माण कार्य चारो दिशाओ में शांती पूर्ण जारी है.

भरपूर मिल रहा सहयोग : सिताबर्डी क्षेत्र शहर का एक ऐसा भाग है जो शहर की चारो दिशाओ को जोडने वाला मुख्य केंद्र है. मुंजे चौक पर महा मेट्रो का इंटरचेंज स्टेशन सबसे महत्वपूर्ण है. चारो रिच से आनेवाली और जानेवाली मेट्रो ट्रेन का यह संगम क्षेत्र है. इंटरचेंज स्टेशन का निर्माण की प्रक्रीया वर्ष 2017 के मध्य में प्रारंभ हुई थी. 5 हजार वर्ग मीटर के क्षेत्र में निर्माण कार्य की शुरुवात करना सबसे जटील कार्य था.

भूमिगत सीवर लाईन, ड्रेनेज लाईन, पेय जल,विद्युत एवं टेलीफोन लाईन को बिना जनता को तकलीफ पहुंचे स्थानातरीत करना और बिना ट्राफिक बंद किये कार्य शुरू रखना चुनौतीपूर्ण रहा. महा मेट्रो के अधिकारीयो की कार्यकूशलता ने जहा कार्यो को पूर्णता की ओर अग्रसर करने में सहयोग किया वही नागरिक और व्यापारीयों ने कार्यो को भरपूर सहयोग देकर परियोजना में योगदान दिया. समय समय पर मेट्रो संवाद और वरिष्ठ अधिकारीयो की चर्चा सत्र के माध्यम से नागरीको कों कार्य से अवगत कराया और उन्हे विश्वास में लेकर ही कार्यो को आगे बढाया गया.

मुंजे चौक पर निर्माण कार्य करना महा मेट्रो के लिए सबसे बडी चुनौती थी, जिसे जन सहयोग के माध्यम से पुरा करने में सफलता मिली. यह परिसर ऐसा है, जिसे शहर का प्रमुख व्यावसायिक केंद्र का दर्जा प्राप्त है, इंटरचेंज के अलावा गोवारी स्मारक के पास बन रही विशाल इमारत और हेरीटेज वॉक का निर्माण किया जा रहा है. सार्वजनिक परिवहन सेवा के साथ ही व्यावसायिक संकुल का निर्माण करने की जिम्मेदारी महा मेट्रो को सौपी गयी है. महज 4 वर्ष के महा मेट्रो के कार्यकाल में महानगर का स्वरूप विश्वस्तरीय बनता जा रहा है.

रिच -1 की शुरुवात मिहान डेपो से लेकर इंटरचेंज तक है वर्धा मार्ग से आनेवाली महा मेट्रो की पटरी जेल परिसर से होकर अजनी स्टेशन की ओर जब बढती है, तो यहा का नजारा बेहद खुबसुरत दिखाई देता है. सुबह और शाम के समय कृपलानी चौक (रहाटे कॉलोनी मेट्रो स्टेशन) पर लोगो की भीड लगी रहती है, और लोग कभी उपर पटरी के पूल की खूबसुरती देखते है, तो कोई नीचे चमचमाते रोड को देखता है. यह सौभाग्य की बात है की, महा मेट्रो रेल परियोजना ने मनीष नगर और उसे जुडी अनेक बस्तीयो के निवासीयों के लिए रेल्वे क्रॉसिंग की समस्या से निजात दिलाने की पहल की वही छत्रपती नगर उड्डाणपूल की जगह पर सडक मार्ग और रेल मार्ग की उपलब्धी से सराबोर कर दिया. नागरिक भी इस बात को स्वीकारने लगे है, की महा मेट्रो परियोजना शहर के चहुंमूखी विकास को कार्यन्वित करने में लगी हुई है.