– लोकायुक्त के सवाल पर मनपायुक्त राधाकृष्णन बी ने उन्हें बताया कि उच्च न्यायालय का आदेश पर 30 नवंबर 2021 को सुनवाई ली जाएगी
नागपुर – कल मंगलवार 16 नवंबर 2021 की दोपहर 3 बजे लोकायुक्त ने ऑनलाइन सुनवाई की दूसरी और अंतिम चरण पूर्ण की.इस दौरान लोकायुक्त ने मनपायुक्त राधाकृष्णन बी से जानना चाहा कि सीमेंट सड़क फेज-2 में हुई टेंडर देने और भुगतान में गड़बड़ी की जाँच बनाई गई समिति के सिफारिश पर क्या ACTION लिया।तो मनपायुक्त ने जवाब दिया कि समिति की सिफारिश पर ठेकेदार को SHOW CAUSE नोटिस दी गई थी,जिसे उन्होंने उच्च न्यायालय में चुनौती दी.न्यायालय ने मनपायुक्त को निर्देश दिया कि अंतिम निर्णय लेने के पूर्व ठेकेदार कंपनी की एक बार व्यक्तिगत सुनवाई करें/लें.
इस निर्देश का पालन करते हुए आयुक्त ने बताया कि उन्होंने आगामी 30 नवंबर 2021 को ठेकेदार कंपनी की व्यक्तिगत सुनवाई रखी हैं.इसके बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
आयुक्त के जवाब के बाद लोकायुक्त ने शिकायतकर्ता को उच्च न्यायालय में रीट पिटीशन दायर करने का सुझाव दिया,वह इसलिए कि लोकायुक्त का दायरा सिमित हैं.
बड़ा सवाल : आयुक्त ने सिर्फ ठेकेदार कंपनी को क्यों दिया नोटिस
सीमेंट सड़क का फेज-1 का ठेका निकाला गया,जिसमें अनुभव न होने के कारण शहर/जिले के एक भी ठेकेदार कंपनी को इसमें मौका नहीं मिला।क्यूंकि बड़ा जुगाड़ू और लाभप्रद काम था इसलिए फेज-2 में स्थानीय ठेकेदारों को मौका मिले इसलिए JV (संयुक्त उद्यम) की शर्त रखी गई.
क्यूंकि सीमेंट सड़क निर्माण इतना महत्वपूर्ण नहीं था इसके बावजूद ठेकेदारों के मध्य स्पर्धा से होने वाले मनपा को फायदा का ध्यान न रखते हुए आनन्-फानन में तय रणनीति के तहत पॅकेज-17 व 18 का ठेका मेसर्स अश्विनी इंफ़्रा व डीसी ग़ुरबक्षाणी(JV) को देने का निर्णय लिया गया.
1 – मेसर्स अश्विनी इंफ़्रा व डीसी ग़ुरबक्षाणी(JV) ने टेंडर शर्तों को पूरा नहीं किया फिर भी उन्हें WORKORDER दिया गया.जैसे JV का पंजीयन,JV का PANCARD,JV का ACCOUNT नदारत था बावजूद इसके कार्यादेश दिया गया.
2 – इतना ही नहीं सीमेंट सड़क निर्माण में कई जगह STEEL का DUAL BAR नहीं लगाया गया,दोनों पॅकेज में 4 दर्जन से अधिक ROAD पर CRACKS साफ़-साफ़ दिख रहा,इसके बावजूद आयुक्त ने कल लोकायुक्त को गुणवत्तापूर्ण सीमेंट सड़क निर्माण का दावा किया जाना एक प्रकार से ठेकेदार कंपनी का समर्थन किया जा रहा,ऐसा कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।
3- चरणबद्ध सड़क निर्माण के दौरान लकड़गंज जोन के सह अभियंता,उप अभियंता,कार्यकारी अभियंता,अधीक्षक अभियंता,मुख्य अभियंता,सीमेंट सड़क प्रकल्प के सलाहकार,ऑडिटर और प्रमुख लेखा व वित्त अधिकारी की मिलीभगत से JV खाते (क्यूंकि खोली नहीं गई) के बजाय ठेका लेने वाले फर्म का 40% का पार्टनर के EXISTING ACCOUNT में करोड़ों में लगभग पूर्ण भुगतान किया गया.
उक्त तीनों मुद्दों को हल्के में लेकर आयुक्त सह उनके द्वारा निर्मित जाँच समिति की सिफारिश यह है कि ILLEGAL नहीं IRREGULARITY कहना अर्थहीन हैं.
उक्त तीनों अहम् मुद्दों में एक ओर जहाँ ठेकेदार कंपनी मेसर्स अश्विनी इंफ़्रा व डीसी ग़ुरबक्षाणी(JV) की गलती हैं तो दूसरी ओर सबसे बड़ा दोष लकड़गंज जोन के सह अभियंता,उप अभियंता,कार्यकारी अभियंता,अधीक्षक अभियंता,मुख्य अभियंता,सीमेंट सड़क प्रकल्प के सलाहकार,ऑडिटर और प्रमुख लेखा व वित्त अधिकारी का हैं,इन्हें बचाने के लिए मनपायुक्त सह उनकी समिति ने ठेकेदार कंपनी को SHOW CAUSE नोटिस दिया जाना प्रशासन की कार्यप्रणाली पर उंगलियां उठ रही हैं.ऐसे में ठेकेदार कंपनी ने SHOW CAUSE नोटिस को न्यायालय में चुनौती दी तो कोई गलत नहीं किया क्यूंकि सम्बंधित विभाग और कर्मी/अधिकारी ही प्रत्यक्ष रूप से दोषी हैं,इनकी वजह से ही भ्रस्टाचार इतने बड़े पैमाने में हुआ और हो रहा.
अब देखना यह हैं कि आगामी 30 नवंबर 2021 को आयुक्त उच्च न्यायालय के निर्णय पर ठेकेदार कंपनी प्रतिनिधियों की व्यक्तिगत सुनवाई बाद अंतिम निर्णय क्या लेते हैं,तब जबकि आयुक्त को पता है कि लोकायुक्त ने शिकायतकर्ता को उच्च न्यायालय ने रीट याचिका दायर करने का निर्देश दिया हैं.