नागपुर। बच्चों में काफी वैज्ञानिक जिज्ञासा होती है। आज के यह बच्चे कल के ‘यंग साइंटिफिक ब्रिगेड’ हैं। भारतीय विज्ञान कांग्रेस की अध्यक्षा डॉ. विजयलक्ष्मी सक्सेना ने कहा कि भारतीय विज्ञान कांग्रेस बच्चों में जिज्ञासा और प्रतिभा को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
भारतीय विज्ञान कांग्रेस के अवसर पर राष्ट्रीय बाल विज्ञान सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस बैठक के उद्घाटन के मौके पर डॉ. सक्सेना बोल रही थीं। इस अवसर पर ‘निरी’ के पूर्व निदेशक डॉ. सतिश वाटे, राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार विभाग के प्रमुख डॉ. मनोरंजन मोहंती, राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज विद्यापीठ के कुलाधिपति डॉ. सुभाष चौधरी, भारतीय विज्ञान कांग्रेस के सचिव डॉ. एस. रामकृष्णन, डॉ. अनूपकुमार जैन, डॅा सुजित बॅनर्जी, राष्ट्रीय बाल विज्ञान सम्मेलन के संयोजक डॅा निशिकांत राऊत आदि मान्यवर मुख्य रूप से उपस्थित थे।
भारतीय विज्ञान कांग्रेस वैज्ञानिक अनुसंधान, पर्यावरण, उत्पादन के क्षेत्र में काम करती है। बच्चों में वैज्ञानिक शोध के कौशल को बढ़ाया जाए, इसके लिए बच्चों के लिए ही हर साल राष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन का आयोजन किया जाता है। डॉ. विजयलक्ष्मी सक्सेना ने कहा कि भारतीय विज्ञान कांग्रेस बच्चों को प्रौद्योगिकी के सिद्धांतों को समझने और उन्हें विकसित करने, उनमें नवाचार खोजने और उन्हें वैज्ञानिक जागरूकता पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करने का काम कर रही है।
डॉ. वाटे ने कहा कि इस सम्मेलन के माध्यम से बच्चों को महान वैज्ञानिकों के काम को देखने का अवसर मिलता है। समाज के लिए अच्छा काम करने की जिज्ञासा भी विज्ञान और तकनीक से पैदा होती है। भविष्य में बच्चों को देश के लिए विभिन्न क्षेत्रों में काम करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने बच्चों से भी अपील की कि वे आत्मनिर्भर भारत का हिस्सा बनें और हर क्षेत्र में अपना इनोवेशन सबके सामने दिखाएं।
डॉ. मनोरंजन मोहंती ने कहा कि नवाचार कार्यक्रम में बच्चों की भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। जिज्ञासु बच्चों को देश की सर्वोत्तम वैज्ञानिक प्रयोगशालाओं से जोड़ा जाना चाहिए। बाल विज्ञान मेले बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए उपयोगी हैं।
डॉ. सुभाष चौधरी ने परिचयात्मक भाषण दिया। डॉ. रामकृष्णन ने गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। सम्मेलन के अवसर पर गणमान्य व्यक्तियों द्वारा बाल वैज्ञानिकों के लिए तैयार की गई पुस्तिका का विमोचन किया गया। कार्यक्रम का संचालन स्नेहल मून ने किया तथा डॉ. निशिकांत राउत ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में बाल वैज्ञानिकों के साथ बड़ी संख्या में स्कूल और कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया।
बाल विज्ञान प्रदर्शनी का उद्घाटन
सम्मेलन के उद्घाटन के बाद बाल विज्ञान प्रदर्शनी का उद्घाटन ‘निरी’ के पूर्व निदेशक डॉ सतीश वाटे ने किया। प्रदर्शनी का आयोजन डॉ एपीजे अब्दुल कलाम सभागार में किया गया है। यहां 10 से 17 वर्ष के आयु वर्ग के बाल वैज्ञानिकों के विभिन्न प्रयोग प्रदर्शित किए गए हैं। छात्रों ने अपशिष्ट जल का पुनर्चक्रण, गैस रिसाव का जोखिम चेतावनी प्रयोग, आंखों की रोशनी में सुधार के लिए ऍप, पशुधन की सफाई, भवन निर्माण पर ड्रिप सिंचाई जैसे पानी का नियंत्रित उपयोग, जीवन सुरक्षा हेलमेट का उपयोग और कार चोरी से बचाव जैसे विभिन्न प्रयोग प्रस्तुत किए हैं। गेहूँ और चावल की भूसी से विभिन्न वस्तुएँ बनाने का कौशल भी छात्रों ने सभी के समक्ष प्रस्तुत किया।