Published On : Thu, Nov 24th, 2022

राज्य सरकार ओरल हेल्थकेयर के लिए और निधि देगी: देवेंद्र फडणवीस

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डेंटल कॉलेज के लिए अत्याधुनिक छात्रावास उपलब्ध कराया जाएगा

नागपुर: मध्य भारत में, नागपुर और आसपास के क्षेत्रों में मुंह के रोग और कैंसर के मामले बहुत अधिक हैं। इस क्षेत्र में मौखिक स्वास्थ्य देखभाल के लिए एक व्यापक उपचार प्रणाली की आवश्यकता है। राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को यहां घोषणा की कि राज्य सरकार इसके लिए बड़ी राशि उपलब्ध कराएगी।

यह जानकारी उन्होंने राजकीय डेंटल कॉलेज में ‘मुकर्मीकोसिस रिहैबिलिटेशन सेंटर’, ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस 3 डी प्रिंटिंग इन डेंटिस्ट्री’ आदि के उद्घाटन के बाद मौजूद मेडिकल छात्रों के सामने बोलते हुए दी। इस अवसर पर डॉ. राज गजभिये, इस अवसर पर शासकीय डेंटल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अभय दातारकर, विधायक मोहन मटे, शासकीय डेंटल कॉलेज के प्राचार्य, विधायक प्रवीण दटके, जिलाधिकारी डॉ. विपिन ईटनकर उपस्थित थे।

नागपुर, विदर्भ, मध्य भारत के कुछ हिस्सों में पत्ते, तंबाकू, खर्रा, गुटखा खाने की आदत से मुंह के रोग और कैंसर के मरीज बढ़ रहे हैं। इस संबंध में मुख्यमंत्री के कार्यकाल में डॉ. अभय बंग और डॉ. रानी बंग के सहयोग से गढ़चिरौली जैसे क्षेत्रों में इन बीमारियों को लेकर जन जागरूकता अभियान भी चलाया गया। लेकिन इस संबंध में आ रहे आंकड़े चिंताजनक हैं और दुर्भाग्य से ऐसा प्रतीत होता है कि मध्य भारत इस बीमारी में सबसे आगे है। इसलिए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस संदर्भ में व्यापक नीति लागू करने और इस बीमारी को कम करने के लिए अभियान चलाने का फैसला लेगी।

मेडिकल कॉलेज (मेडिकल) कॉलेज इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (मेयो) नागपुर शहर के सरकारी डेंटल कॉलेज को आम नागरिकों का माना जाता है। यह महत्वपूर्ण है। मध्य भारत के ये स्वास्थ्य केंद्र अब 50 से 100 साल पुराने हैं। कलेक्टर डॉ. ईटनकर के ज्वाइन करने के बाद उन्हें इन सभी संस्थानों की आवश्यकताओं का अध्ययन करने को कहा गया। उनके द्वारा एक व्यापक प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है। इसलिए गरीबों की उम्मीद बने इन उपचार केंद्रों को बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर बनाकर मजबूत और अपडेट किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि नागपुर मेडिकल कॉलेज के लिए साढ़े तीन सौ करोड़ और मेयो अस्पताल के लिए 300 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं, साथ ही पिछले कई दिनों से डेंटल कॉलेज में आधुनिक छात्रावास की मांग की जा रही है। उन्होंने आज यहां घोषणा की कि वह उस छात्रावास की मांग को भी मंजूरी दे रहे हैं। उन्होंने इस समय सुझाव दिया कि उन्हें नया अस्पताल, नया छात्रावास मिलेगा, लेकिन मानक भी वही रखा जाए। इस मौके पर विधायक मोहन मते, मेडिकल कॉलेज के संस्थापक डॉ. राज गजभिए ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।