Published On : Thu, Nov 24th, 2022

जिलाधिकारी ने किया महारेशिम अभियान का शुभारंभ

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अधिक से अधिक किसानों से भाग लेने की अपील

नागपुर: रेशम उद्योग को बढ़ावा देने के साथ-साथ राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी ग्राम स्तर पर किसानों तक पहुंचाने के लिए जिला रेशम कार्यालय द्वारा तैयार रेशम रथ का आज उद्घाटन कलेक्टर डॉ. विपिन ईटनकर ने किया। इस अवसर पर कलेक्टर द्वारा महरेशिम अभियान का भी शुभारंभ किया गया।

उप समाहर्ता (रोजगार हमी योजना) ज्ञानेश भट, उप निदेशक (रेशम) महेन्द्र धावले, जिला सूचना अधिकारी प्रवीण टाके, जिला रेशम विकास अधिकारी स्वप्नील तार, कुही पूर्व पंचायत समिति अध्यक्ष अरूण हटवार, जिला परिषद सदस्य शांतताई कुमारे, वरिष्ठ तकनीकी सहायक रजनी बंसोड़, क्षेत्र इस मौके पर सहायक भास्कर यूआईकेई, वरिष्ठ सहायक प्रफुल्ल गौत्रे आदि मौजूद थे।

रेशम उद्योग एक लाभदायक उद्योग है। एक पारंपरिक फसल एक उत्कृष्ट जोड़ हो सकती है। इस मौके पर जिलाधिकारी ने अपील की कि अधिक से अधिक किसान महारेशिम अभियान के तहत अपना नाम दर्ज कराएं और सरकार की योजना का लाभ उठाएं। उप निदेशक (रेशम) महेंद्र धवले ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए।

राज्य सरकार के कपड़ा उद्योग विभाग एवं रेशम निदेशालय, नागपुर के मार्गदर्शन में पूरे राज्य में महरेशिम अभियान 2023 का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस अभियान के तहत रेशम उद्योग शुरू करने के इच्छुक किसानों को 15 दिसंबर तक अपना नाम दर्ज कराना होगा। योग्य किसानों को एक एकड़ शहतूत की खेती के लिए 500 रुपये का पंजीकरण शुल्क देकर आवश्यक दस्तावेजों के साथ पंजीकरण कराना आवश्यक है।

चूंकि रेशम उद्योग कृषि पर आधारित है, इसलिए किसानों की मांग के अनुसार उस खेत में किए गए कार्य की मजदूरी मनरेगा के नियमों के अनुसार सरकार द्वारा भुगतान की जाती है।